पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे की महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी (एमएसपी) का मंगलवार को आखिरकार भाजपा में विलय हो गया. इस विलय कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की. राणे व उनके दो बेटे कंकावली से भाजपा उम्मीदवार नितेश व पूर्व कांग्रेस सांसद नीलेश ने औपचारिक रूप से सत्तारूढ़ पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.
एक कदम और आगे जाते हुए फडणवीस ने नितेश राणे के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित किया. वह हाल ही में पार्टी से इस्तीफा देने से पहले मौजूदा कांग्रेस विधायक थे. इस विलय से शिवसेना सकते में है, जिसने बीते सप्ताह मुख्यमंत्री के कंकावली दौरे का कड़ा विरोध किया था.
भाजपा को मिलेगा फायदा
राणे द्वारा फडणवीस के कंकावली में प्रचार के लिए आने की घोषणा के साथ बीते कुछ दिनों से दोनों सहयोगी दलों के बीच बड़े स्तर पर खींचतान देखने को मिली. फडणवीस के दौरे को शिवसेना के मंत्री खारिज कर रहे थे. फडणवीस ने कहा, 'लंबे समय से सभी नजरें इस (विलय) पर थीं, जो आखिरकार मंगलवार को हो गया. राणे के पार्टी में आने से भाजपा को बड़ा लाभ होगा.' इस सीट पर शिवसेना ने सतीश सावंत को टिकट दिया है और नितेश राणे को सबक सिखाने की बात कही है.
21 अक्टूबर को होनी है वोटिंग
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना का गठबंधन हमेशा चर्चा का विषय रहता है. दोनों पार्टियों के गठबंधन में होने के बावजूद ऐसे बयान और तस्वीरें नजर आती रहती हैं जो ऑल इज नॉट वेल की बहस को जन्म देती हैं. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बिसात पूरी तरह सज चुकी है. सभी पार्टियां वादों-इरादों के साथ जनता के बीच पहुंच रहे हैं. राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होने जा रहा है और नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.