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महाराष्ट्र की वो सीट, जहां एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार में उतरे फडणवीस और ठाकरे

फडणवीस ने कणकवली सीट पर नितेश राणे के पक्ष में प्रचार किया और उनकी जीत का दावा किया. फडणवीस के इस रुख के बाद उद्धव ठाकरे ने भी अपना प्लान बदल दिया. ठाकरे भी कणकवली में शिवसेना प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार में उतर रहे हैं. हालांकि, पहले उनका यहां जाने का प्लान नहीं था.

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देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे
देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे

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  • कणकवली विधानसभा सीट पर आमने-सामने फडणवीस और उद्धव
  • फडणवीस ने किया बीजेपी प्रत्याशी नितेश राणे की जीत का दावा
  • फडणवीस के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी कणकवली में उतरे

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे दिलचस्प लड़ाई कणकवली सीट पर देखने को मिल रही है. टिकट बंटवारे पर लंबी खींचतान के बाद अब प्रचार में भी कणकवली भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच टकराव की वजह बन गई है. हालात ये हो गए हैं कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे यहां अलग-अलग उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील कर रहे हैं.

दरअसल, कणकवली विधानसभा सीट से बीजेपी ने नारायण राणे के बेटे नितेश राणे को टिकट दिया है. बीजेपी की सहयोगी शिवसेना लगातार नितेश राणे के टिकट का विरोध कर रही थी, बावजूद इसके बीजेपी ने राणे को उतार दिया. बीजेपी के इस फैसले को शिवसेना ने स्वीकार नहीं किया और राणे के सामने अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया. यानी गठबंधन होने के बावजूद कणकवली सीट पर बीजेपी और शिवसेना के अपने-अपने प्रत्याशी अलग चुनाव लड़ रहे हैं.

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फडणवीस ने किया नितेश राणे की जीत का दावा

मंगलवार को मुख्यमंत्री फडणवीस ने नितेश राणे के पक्ष में प्रचार किया और उनकी जीत का दावा किया. फडणवीस के इस रुख के बाद उद्धव ठाकरे ने भी अपना प्लान बदल दिया है. ठाकरे भी कणकवली में शिवसेना प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार में उतर रहे हैं. हालांकि, पहले उनका यहां जाने का प्लान नहीं था.

क्यों आमने-सामने आ गए फडणवीस और ठाकरे?

इस पूरी सियासी तस्वीर के पीछे उद्धव ठाकरे और नितेश राणे के पिता नारायण राणे की पुरानी अदावत मानी जाती है. बाला साहब ठाकरे के वक्त में नारायण राणे शिवसेना का ही हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन 2005 में वो शिवसेना से अलग हो गए और इसके बाद राणे ने उद्धव ठाकरे का खुलकर विरोध किया था. तब से ही दोनों नेताओं के बीच सियासी खींचतान चली आ रही है.

नारायण राणे ने बीजेपी में किया पार्टी का विलय

पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे शिवसेना से अलग होकर कांग्रेस के साथ चले गए थे और इसके बाद 2017 में उन्होंने कांग्रेस भी छोड़ दी थी. कांग्रेस के बाद नारायण राणे ने महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी (एमएसपी) नाम की अपनी पार्टी बनाई थी, जिसका मंगलवार (15 अक्टूबर) को बीजेपी में विलय कर दिया. इस विलय कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस ने की, जो नितेश राणे के विधानसभा क्षेत्र कणकवली में आयोजित किया गया था. नितेश राणे के क्षेत्र में ही फडणवीस ने उनकी जीत का दावा किया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस क्षेत्र में उतरने का ऐलान कर दिया.

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कणकवली सीट पर बीजेपी के नितेश राणे के सामने शिवसेना ने सतीश सावंत को टिकट दिया है. यहां 21 अक्टूबर को मतदान होना है और रिजल्ट 24 अक्टूबर को आएगा.

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