केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को महाराष्ट्र में चुनावी रैलियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक ओर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की तो दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पर जबरदस्त हमला बोला.
पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर उठ रहे सवालों पर अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी से ज्यादा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने विदेशी यात्राएं की. सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि जब मनमोहन सिंह विदेश जाते थे तो वहां पर मैडम का लिखा भाषण पढ़ते थे. एक बार मनमोहन ने मलेशिया में रूस के लिए लिखे गए भाषण को पढ़ गए थे. वहीं, दूसरी ओर पीएम मोदी जब विदेश यात्रा पर कहीं जाते हैं, तो उनका शानदार स्वागत किया जाता है.
Manmohan Singh has been to foreign trips more than PM Modi. Manmohan Ji used to read out from a paper written and given to him by Madam. At times, Manmohan Ji read scripts for Russia in Malaysia and vice-versa.
Wherever PM Modi goes, he's received by cheers: Shri @AmitShah
— BJP LIVE (@BJPLive) October 10, 2019
राफेल की पूजा पर अमित शाह ने क्या दिया जवाब?
चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी देश की सेना को आधुनिक बनाना चाहते हैं. लिहाजा सरकार ने राफेल विमान को वायुसेना का हिस्सा बनाया है. कांग्रेस वालों को दशहरे के दिन राफेल की पूजा करने पर पेट में दर्द होता है. दशहरे के दिन शस्त्र की पूजा करना हमारा संस्कार है. हालांकि कांग्रेसी इसे नहीं समझ सकते.
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बीजेपी अध्यक्ष शाह ने कहा कि राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा था, जिसके अगले दिन पाकिस्तान ने भी सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग लिया. उन्होंने कहा कि साल 1971 के युद्ध के दौरान बीजेपी विपक्ष में थी, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को जीत की बधाई दी थी.
पाकिस्तान और कांग्रेस ने किया 370 हटाने का विरोधः शाह
अमित शाह ने कहा कि हम बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. हम चुनाव में जीत-हार की चिंता नहीं करते हैं, बल्कि देशहित के लिए सोचते हैं. इसी वजह से पीएम मोदी ने इस बार चुनाव के बाद संसद के पहले ही सत्र में अनुच्छेद 370 को उखाड़ दिया. पाकिस्तान और कांग्रेस दोनों ने अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया.
उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 साल हुए, इस दौरान कई पार्टी और कई प्रधानमंत्री आए और गए, मगर किसी की हिम्मत अनुच्छेद 370 को छूने की नहीं हुई, क्योंकि ये कांग्रेस पार्टी और इनके चट्टे-बट्टे केवल वोटबैंक की राजनीति करते हैं, इन्होने कभी राष्ट्रवाद की बात नहीं की.
यूएन में अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था भारत का पक्ष
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि साल 1994 में संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर चर्चा होनी थी, तब के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने अटल बिहारी वाजपेयी को भारत की तरफ से चर्चा में भाग लेने के लिए भेजा था. उस समय अटल ने ये नहीं सोचा कि इसका श्रेय कांग्रेस को मिलेगा और तुरंत हां कर दिया था. तब अटल विपक्ष के नेता होने के बावजूद यूएन में कश्मीर के बारे में भारत का पक्ष रखा था.
अमित शाह ने कहा, 'राहुल बाबा कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जिसमें पार्टी से ऊपर उठकर देश के लिए सोचा जाता है. बीजेपी ने हमेशा परिवारवाद की राजनीति का विरोध किया है, लेकिन कांग्रेस-एनसीपी परिवारवाद पर ही चलती है. परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र का और देश का भला नहीं कर सकती हैं. वो सिर्फ अपने परिवार का भला कर सकती हैं.'