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मणिपुर चुनाव: टिकट बंटवारे से नाखुश BJP कार्यकर्ताओं का बवाल, पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़, जलाए पुतले

मणिपुर में भाजपा उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा है. टिकट सूची से निराश लोगों और उनके समर्थकों ने राज्य के पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की.

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Manipur
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • कड़ी की गई BJP कार्यालयों में सुरक्षा
  • नाराज कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडे भी जलाए

मणिपुर विधानसभा चुनाव में  भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, हिंगांग सीट से चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा पार्टी ने सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम भी तय कर दिए हैं. मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को दो चरण में चुनाव होने हैं.

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जलाए गए सीएम बीरेन सिंह के पुतले

इधर, भाजपा उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा है. टिकट सूची से निराश लोगों और उनके समर्थकों ने राज्य के पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, राज्य इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी के पुतले के साथ-साथ पार्टी के झंडे भी जलाए.

कड़ी की गई BJP कार्यालयों की सुरक्षा

राज्य के इंफाल पश्चिम, तामेंगलोंग और कुछ अन्य जिलों के कुछ इलाकों में हिंसा की खबरें हैं.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भड़की हिंसा के बाद राज्य भर में भाजपा के सभी कार्यालयों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.भाजपा के कई नेताओं सहित, जो पार्टी टिकट के इच्छुक लोग थे, उन्होंने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

गौरतलब है कि सगोलबंद, काकचिंग, मोइरंग, कीसमथोंग विधानसभा क्षेत्रों में गुस्साए कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडे, पर्चे जलाए, स्थानीय कार्यालयों में तोड़फोड़ की और अपना विरोध दिखाने के लिए नारेबाजी की.

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AFSPA बड़ा मुद्दा

बता दें कि राज्य से अफस्पा हटाना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है. बीते दिनों मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भी कहा था कि उनके राज्य के लोग और वह खुद भी चाहते हैं कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटा दिया जाए, लेकिन ऐसा केवल केंद्र की सहमति से किया जाना चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा उनकी शीर्ष प्राथमिकता है.

गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस के 28 विधायक होने के बावजूद अपने महज 21 विधायकों के साथ भाजपा ने दो स्थानीय दलों, एनपीपी और एनपीएफ के सहयोग से राज्य में 2017 में सरकार बनाई थी.

 

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