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चिटफंड और खनन घोटाले में शामिल लोग जेल जाएंगे, नए ओडिशा का होगा गठनः अमित शाह

आोडिशा में अमित शाह ने बीजद सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि चिटफंड और खनन घोटाले में शामिल लोग जेल जाएंगे. नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार की बेड़ियां तोड़कर भाजपा एक ‘नए ओडिशा’का गठन करेगी. ओडिशा में 147 विधानसभा और 21 लोकसभा सीटों पर मतदान 11 अप्रैल से शुरू होगा.

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अमित शाह
अमित शाह

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चिटफंड और खनन घोटाले जैसे मुद्दों को लेकर नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद सरकार पर हमला बोला. अमित शाह ने कहा कि राज्य में अगर भाजपा की सरकार आई तो भ्रष्टाचार में लिप्त सभी लोग जेल जाएंगे. रविवार को अमित शाह ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी का संकल्प पत्र जारी किया. बता दें कि ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ चार चरणों में होंगे. 147 विधानसभा और 21 लोकसभा सीटों पर मतदान 11 अप्रैल से शुरू होगा.

अमित शाह ने कहा कि राज्य में पिछले 19 साल से बीजद का शासन है. इस दौरान खनन आवंटन में भ्रष्टाचार बढ़ा है, भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को संरक्षण प्रदान करने के कारण चिटफंड घोटाला भी फला-फूला. शाह ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में मासूम और गरीब निवेशकों को ठगा गया है. भाजपा सत्ता में आने के बाद ऐसे भ्रष्टाचारियों को जेल में डालेगी. उन्होंने कहा कि पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार की बेड़ियां तोड़कर भाजपा एक ‘नए ओडिशा’ का गठन करेगी.

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भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकार नौकरशाहों को दे दिए गए हैं, वहीं सत्तारूढ़ बीजद वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने कहा कि ओडिशा का शासन नौकरशाह चला रहे हैं, उन्हें लोगों की आकांक्षाओं की कोई समझ नहीं है. भाजपा के राज्य और केंद्र में आने का विश्वास जताते हुए शाह ने कहा कि राज्य के लिए पार्टी का घोषणापत्र किसानों, महिलाओं, युवकों और समाज के कमजोर तबके के विकास एवं सशक्तिकरण पर केंद्रित है.

अंग्रेजी बोलने वाला CM नहीं समझेगा दर्द

बीते दिनों एक रैली के दौरान अमित शाह ने ओडिशा की जनता से कहा था कि वह अंग्रेजी बोलने वाला मुख्यमंत्री चुनने की गलती फिर से न दोहराएं. 19 साल तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उड़िया भाषा नहीं बोल पाते हैं. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘इस रैली से लौटने के बाद अंग्रेजी बोलने वाले मुख्यमंत्री को नहीं चुनने का संकल्प लीजिएगा. आप उड़िया हों या तेलुगू. लेकिन, इतना ध्यान रखिए अंग्रेजी बोलने वाले मुख्यमंत्री आपकी व्यथा और भावनाओं को नहीं समझ सकते.’

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