1993 में बीजेपी के सिर ताज
दिल्ली में पहली बार विधानसभा चुनाव 1993 में हुआ. इससे पहले दिल्ली चंडीगढ़ की तरह केंद्र शासित प्रदेश हुआ करता था, जहां विधानसभा नहीं थी. दिल्ली में पहले चुनाव में बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी. दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में बीजेपी 47.82 फीसदी वोट के साथ 49 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. कांग्रेस को 34.48 फीसदी वोट के साथ 14 सीटें मिली थीं. इसके अलावा 4 सीटें जनता दल और तीन सीटें निर्दलीय के खाते में गई थी.
बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाने का सेहरा मदनलाल खुराना के सिर सजा था. मदनलाल खुराना मुख्यमंत्री बने लेकिन 26 फरवरी 1996 को उन्हें अपने पद से हटना पड़ा और पार्टी ने उनकी जगह साहेब सिंह वर्मा को सत्ता की कमान सौंपी. हालांकि साहेब सिंह वर्मा को भी बीजेपी ने चुनाव से ऐन पहले हटाकर 12 अक्टूबर 1998 को सुषमा स्वराज को सीएम बना दिया. सुषमा स्वराज के नेतृत्व में ही बीजेपी 1998 में दिल्ली विधानसभा चुनाव मैदान में उतरी, लेकिन पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं हो सकी.