उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शुरू में तो बारिश के कारण कम वोटिंग हुई, पर बारिश थमते ही मतदाता भारी तादाद में पोलिंग बूथों पर उमड़ पड़े.
यूपी की 16वीं विधानसभा के चुनाव के पहले चरण का मतदान कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गया.
पहले चरण में 10 जिलों की 55 विधानसभा सीटों के लिए मत डाले जा रहे हैं.
पहले चरण में प्रदेश के सीतापुर, बाराबंकी, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर तथा बस्ती जिले में चुनाव है.
मतदाताओं की सहूलियत को देखते हुए आयोग ने 532 नये मतदान केन्द्र स्थापित किये हैं.
बारिश के कारण मत देने बहुत कम लोग ही पहुंचे.
पहले चरण में 796 पुरुष, 65 महिला तथा एक किन्नर सहित 862 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे मतदाता.
मतदान केन्द्रों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिये 890 वीडियो कैमरे तथा 1,776 डिजिटल कैमरे भी लगाये गये हैं
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के लिये 13,186 केन्द्र बनाए गये हैं जिन पर 26,700 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
मतदाताओं की सहूलियत को देखते हुए आयोग ने 532 नये मतदान केन्द्र स्थापित किये हैं.
स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान सुनिश्चित कराने के लिये केन्द्रीय बलों तथा पुलिस के दो लाख से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है.
चुनाव की निगरानी के लिए आयोग ने 55 पर्य़वेक्षक तैनात किए हैं. पहले राउंड की वोटिंग के लिए सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं.
पहले चरण के लिए 19 हजार 383 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
पहले चरण के लिए चुनाव ड्यूटी पर सरकार के 83 लाख कर्मचारी डटे हैं.
पहले चरण में सबसे अधिक उम्मीदवार बाराबंकी क्षेत्र में 26 और सबसे कम आठ उम्मीदवार महमूदाबाद क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं.
इस चरण के चुनाव में मुख्यमंत्री मायावती के करीबी सहयोगी एवं राज्य के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री लालजी वर्मा और वस्त्रोद्योग एवं रेशम उद्योग राज्यमंत्री संग्राम सिंह वर्मा, 31 मौजूदा विधायकों तथा 15 पूर्व मंत्रियों के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा समेत कई सांसदों के रिश्तेदारों के भाग्य का फैसला होगा.
पहले फेज में 6 हजार आठ सौ पचपन बूथ संवेदनशील घोषित किए गए हैं. हर संवेदनशील बूथ पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है.
सभी निर्वाचन क्षेत्रों एवं उसके आसपास के इलाकों में मतदान की समाप्ति तक शराब एवं अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
सुरक्षा की कमान केन्द्रीय बलों के हाथ में है जबकि राज्य पुलिस उनका सहयोग कर रही है.
मतदाताओं को मतदान करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिये आयोग द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं.
चुनाव आयोग ने 13 निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक, सात पुलिस पर्यवेक्षक, 55 सहायक निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक तथा 2,289 माइक्रो आब्जर्वर भी तैनात किये गये हैं.
प्रथम चरण के लिये 1,364 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 187 जोनल मजिस्ट्रेट तैनात किये गये हैं जो अपने क्षेत्र में मतदान से संबंधित गतिविधियों का जायजा लेंगे.
चुनाव के लिये 2,123 संवेदनशील मतदान केन्द्रों तथा 3,423 मतदेय स्थलों को अति संवेदनशील माना गया है. रिजर्व कर्मचारियों सहित 83 हजार से अधिक सिविल कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर डटे हैं.