इस लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ऐसे नेता हैं, जिन पर सबसे ज्यादा हमले हुए हैं. कभी केजरीवाल पर स्याही फेंकी गई तो कभी अंडे. यही नहीं, चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें थप्पड़ भी खाने पड़े. देखिए अब तक कितनी बार हो चुका है केजरीवाल पर हमला...
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 18 नवंबर 2013 को खुद को अन्ना हजारे का शिष्य और बीजेपी कार्यकर्ता बताने वाले एक युवक ने अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन पर काली स्याही फेंकी थी. उस दिन केजरीवाल के गाल पर लगी स्याही को मनीष सिसौदिया ने साफ किया.
5 मार्च को गुजरात में केजरीवाल का काफिला रोकने के मामले को लेकर बीजेपी और आप कार्यकर्ताओं की कई जगह भिड़ंत हुई. यही नहीं, गुजरात में केजरीवाल की गाड़ी का शीशा तोड़ा गया. उस वक्त केजरीवाल गाड़ी के अंदर ही मौजूद थे.
25 मार्च को बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर केजरीवाल की गाड़ी पर अंडे फेंके गए. उस दौरान अरविंद केजरीवाल मंदिर में पूजा कर रहे थे.
25 मार्च को बनारस में रोड शो के दौरान केजरीवाल और उनके साथियों पर काली स्याही फेंकी गई.
इस हमले के बाद स्याही पोंछकर केजरीवाल और उनकी टीम मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गई.
4 अप्रैल को साउथ दिल्ली के दक्षिणपुरी में एक शख्स ने केजरीवाल को थप्पड़ मारा था. युवक पहले आम आदमी पार्टी का ही कार्यकर्ता था.
28 मार्च को हरियाणा के भिवानी में रोड शो के दौरान खुद को अन्ना समर्थक बताने वाले युवक ने केजरीवाल की जीप पर चढ़कर उनकी गर्दन पर वार किया.
8 अप्रैल को नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में भीड़ में मौजूद एक ऑटो ड्राइवर ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ मारा. थप्पड़ इतना कड़क था कि केजरीवाल के गाल पर सूजन आ गई थी. दिल्ली के अमन विहार में रहने वाला लाली नाम का ऑटो ड्राइवर केजरीवाल के गले में माला डालने के बहाने उनके करीब गया फिर माला पहनाने के ठीक बाद उनको जोरदार तमाचा जड़ दिया.
हरियाणा के चरखी दादरी में एक अज्ञात शख्स ने 'आप' नेता अरविंद केजरीवाल पर हमला किया. यह घटना आम आदमी पार्टी के प्रचार अभियान के दौरान हुई जब एक व्यक्ति अरविंद केजरीवाल की ओर बढ़ा. पार्टी कार्यकर्ताओं ने उसे पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की. बाद में अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर उस व्यक्ति की पिटाई की निंदा की. उन्होंने लिखा, 'हमारे समर्थकों ने बदले में उस व्यक्ति को पीट दिया. यह गलत है. हमसे ऐसी उम्मीद नहीं की जाती.'
इतने हमले झेलने के बाद भी अरविंद केजरीवाल के हौसले पस्त नहीं हुए और उन्होंने पूरे जोश के साथ चुनाव प्रचार किया.