आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी देश भर में चुनावी रैलियां कर रहे हैं. इस दौरान हर रैली में उनकी वेशभूषा का अंदाज बदल रहा है. बीते शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में रैली को संबोधित करते हुए मोदी वहां की स्थानीय टोपी 'दुमलुक' में नजर आए.
बीती कुछ रैलियों में मोदी क्षेत्रीय परिधान धारण किए दिखे तो कुछ में अपने पारंपरिक कुर्ते और जैकेट में. इस दौरान अलग-अलग तरह पगड़ी भी उनके मस्तक की शोभा बढ़ाती रही. यह कर्नाटक की मंगलौर रैली की तस्वीर है.
असम के सिलचर में गोटे वाली सफेद पगड़ी पहनाकर मोदी का स्वागत किया गया. कुछ जानकारों का मत है कि चुनावी रैलियों में स्थानीय वेशभूषा पहनने से नेताओं को लगता है कि वे जनता से आसानी से कनेक्ट कर सकते हैं.
बंद गले का कोट और उस पर गुलाबी मारवाड़ी पगड़ी. अहमदाबाद में एक एग्जीबिशन में इस तरह दिखाई दिए गुजरात के मुख्यमंत्री.
कर्नाटक के दावणगेरे में हाल ही में हुई रैली के दौरान पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के साथ नरेंद्र मोदी. इस रैली में मोदी को डॉट्स वाली यह चटख लाल पगड़ी पहनाई गई.
चूंकि नेताओं की वेशभूषा सिर्फ वेशभूषा नहीं होती. उसकी भी अपनी राजनीति होती है. हाल ही में लुधियाना रैली में नरेंद्र मोदी सार्वजनिक जीवन में संभवत: पहली बार सिख पगड़ी पहने दिखाई दिए. हालांकि मोदी ही थे, जिन्होंने एक बार मंच पर मुस्लिम टोपी पहननने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद काफी विवाद भी हुआ. विरोधियों ने आरोप लगाया कि मोदी सबको साथ लेकर चलने में यकीन नहीं करते.
गांधीनगर में अपने 64वें जन्मदिन पर समर्थकों के साथ इस रूप में नजर आए बीजेपी के पीएम उम्मीदवार.
कर्नाटक में मोदी का इस तरह स्वागत किया गया. मोदी के परिधान में भी उनके भाषणों की तरह आंचलिकता का पुट होता है.
जब हरियाणा के रेवाड़ी में पहुंचे मोदी तो उनके मस्तक पर थी सतरंगी पगड़ी.
जैकेट नहीं, आंधी बांह का कुर्ता बरकरार था. हाथ में चमक रही थी तलवार.
मणिपुर के इम्फाल में इस पारंपरिक टोपी में नजर आए मोदी.
मणिपुर के इम्फाल में रैली में आए लोगों का अभिवादन स्वीकार करते बीजेपी के पीएम उम्मीदवार.
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में चिर परिचित कुर्ते और सफेद जैकेट में नजर आए मोदी.