चाय बेचते थे मोदी
मोदी अपने भाई के साथ अहमदाबाद में स्टेट ट्रांसपोर्ट ऑफिस के बाहर चाय की दुकान पर काम करते थे. कई साल तक नरेंद्र मोदी ने चाय बेचने का काम किया. यहां तक कि मोदी साइकिल पर केतली रखकर चाय बेचने निकल पड़ते थे. मोदी बचपन में चाय भी बेचते थे. यह खुलासा तब हुआ जब बीजेपी के पीएम कैंडिडेट ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने उन्हें 'चाय बेचने वाला' कहकर उनका मजाक उड़ाया. मोदी ने इस मसले को चुनाव में खूब भुनाया.
नरेंद्र मोदी अपने लुक को लेकर बेहद संजीदा हैं. लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोदी का यह शौक देखने को भी मिला. मोदी कभी फुल स्लीव कुर्ता तो कभी हाफ स्लीव का कुर्ता पहनते हैं. नेहरू जैकेट और चूड़ीदार पाजामा भी उनकी पसंदीदा पोशाक है. लोकसभा चुनाव के दौरान धुआंधार रैलियों के बीच मोदी अगर तीन जगहों पर रैली में दिखते तो अलग अलग पोशाक में. मोदी दाढ़ी रखते हैं और इसे करीने से ट्रिम भी करवाते हैं.
इस चुनाव में हमें पता चला कि नरेंद्र मोदी ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. दरअसल, कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक चुनावी रैली में कहा कि बीजेपी के नेता 'नीच राजनीति' कर रहे हैं. प्रियंका के इस हमले का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, "मैं इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि मैं 'नीची जाति' में पैदा हुआ हूं लेकिन क्या पिछड़ा वर्ग में पैदा होना गुनाह है?"
मोदी के बारे में हालांकि ऐसी खबरें पहले आती रहीं थी कि मोदी की जशोदाबेन से शादी हुई थी लेकिन इस मसले पर उतना गौर पहले नहीं किया गया. मोदी ने इस चुनाव के दौरान कबूल किया कि उनकी पत्नी जशोदाबेन हैं. मोदी ने वडोदरा लोकसभा सीट से पर्चा दाखिल करते समय यह खुलासा किया.
हालांकि, मोदी अपनी पत्नी से अलग रहते हैं. जशोदाबेन ब्राह्मणवाड़ा में एक रिटायर्ड स्कूल टीचर हैं.
मोदी के कबूलनामे के बाद सियासी हंगामा मचा तो उनके भाई सोमभाई ने उनका बचाव किया. उन्होंने कहा कि जब मोदी की शादी हुई थी तो वे बच्चे थे और बिना उनकी रजामंदी के यह शादी हुई थी.
बचपन में नरेंद्र मोदी को साधु संतों को देखना बहुत अच्छा लगता था. मोदी खुद संन्यासी बनना चाहते थे. संन्यासी बनने के लिए नरेंद्र मोदी स्कूल की पढ़ाई के बाद घर से भाग गए थे और इस दौरान मोदी पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित कई जगहों पर घूमते रहे और आखिर में हिमालय पहुंच गए और कई महीनों तक साधुओं के साथ घूमते रहे.
शादी के अगले दिन ही मोदी ने वडनगर से अहमदाबाद की ट्रेन पकड़ ली थी. घर लौटने से पहले मोदी करीब 30 साल अपने परिवार से दूर रहे थे.
मोदी अपनी कोर टीम में पूरा यकीन रखते हैं. इस टीम में चार आईएएस अफसर हैं जो मोदी के साथ लंबे अर्से से जुड़े हैं और गुजरात को ऐसा राज्य बनाने में इनकी अहम भूमिका है जिसे लेकर मोदी गर्व करते हैं. मोदी की इस कोर टीम में- कुनियिल कैलाशनाथन, जी सी मुर्मू, ए के शर्मा और विजय नेहरा शामिल हैं. अगर मोदी पीएम बनते हैं तो ये चारों अफसर दिल्ली में भी मोदी के साथ रहेंगे.
मोदी परंपरागत मूल्यों में यकीन रखने वाले शख्सियत हैं. वो शराब को हाथ तक नहीं लगाते, सिगरेट पीने की आदत नहीं है और वो शुद्ध शाकाहारी हैं.
हालांकि, मोदी इसे स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन गुजरात में वो 'सेक्स सिंबल' के तौर जाने जाते हैं. उनसे मिलने वाली महिलाओं की संख्या उनसे मुलाकात के लिए आने वाले पुरुषों की तादाद से अधिक है. गुजरात में मोदी के अलावा कोई ऐसा राजनेता नहीं है जिसके दरबार में इस तरह महिलाएं हाजिरी लगाती हैं.