पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगरमियां तेज हो गई है. मतदाताओं से रूबरू होते हुए प्रकाश सिंह बादल.
पंजाब की सत्ता में वापसी करने को बेताब हैं कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह.
इंडिया टुडे-ओआरजी जनमत सर्वेक्षण से संकेत मिले हैं कि सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी (एसएडी-भाजपा) गठबंधन को झटका लग सकता है. कैप्टन अमरिंदर सिंह सत्ता में वापसी कर सकते हैं.
शिरोमणि अकाली दल के गढ़ों में रहने वाले सिख किसान पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को प्रकाश सिंह बादल की तुलना में अधिक 'विश्वसनीय' मानते हैं.
कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी पूरे जोर-शोर से पार्टी के चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं.
पटियाला के पूर्व राजपरिवार के वंशज 69 वर्षीय अमरिंदर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दो बार बैठने वाले पंजाब कांग्रेस के एकमात्र नेता के रूप में इतिहास बना सकते हैं.
चुनावी मौसम में नेताओं को लेना पड़ रहा है हैलीकॉप्टरों का सहारा.
अमरिंदर सिंह पटियाला स्थित अपने महल की सुख-सुविधाओं से दूर, चंडीगढ़ में अपने मुख्यालय में व्यस्त रहते हैं. यहां उनकी सहायता दो पूर्व जनरल करते हैं. ये दोनों सेना के दिनों के उनके पुराने साथी हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं गाड़ियों की भी लंबी लाइनें लगी होती हैं.
पंजाब विधानसभा चुनावों में इस बार युवा मतदाताओं पर भी पार्टियों की नजर है. क्योंकि इस बार बेरोजगारी एक अहम मुद्दा बनकर उभरा है.
वोट के लिए पार्टी जगह-जगह कर रहे हैं सभाओं का आयोजन.
जब नेताजी चुनाव प्रचार पर निकलते हैं तो कार्यकर्तोओं की फौज भी साथ हो लेती है.
राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को हैलीकॉप्टरों का भी सहारा लेना पड़ रहा है.
कांग्रेस की तरफ से अमरिंदर सिंह ने मोर्चा संभाला है. उन्होंने कुलीनता छोड़कर खुंडा (यानी ग्रामीणों का लाठीनुमा परंपरागत हथियार) अपना लिया है.
पंजाब के विधानसभा चुनाव में इस बार महिलाएं भी खुलकर हिस्सा ले रही हैं.
पंजाब की सत्ता के लिए छिड़ा है घमासान. आमने-सामने हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल.
गली, चौराहे और चौपालों पर सज रहा है मंच. जहां से नेता जनता तक पहुंचा रहे हैं अपनी आवाज.
इस बार के चुनावों में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है.
चुनावी मौसम में एक बार फिर बिकने लगे हैं पार्टी के झंडे. जगह-जगह हो रहा है सभा का आयोजन.
ओवरकोट पहनने वाले 80 वर्षीय मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल रोज 12 से 14 चुनावी सभाएं करने के लिए जूझ रहे हैं.
चुनावों में प्रचार के लिए नेताओं द्वारा एसयूवी गाड़ियों के इस्तेमाल का प्रचलन बढ़ गया है.