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साल 2021 चुनावों का साल है और इस बार पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है. बंगाल-तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों के अलावा इस बार केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में भी विधानसभा चुनाव होना है. मौजूदा वक्त में पुदुचेरी उन राज्यों में शामिल है, जहां कांग्रेस अपने दम पर सरकार में है. इस बार तमिलनाडु में बीजेपी-AIADMK साथ आई हैं, ऐसे में उसका असर यहां भी दिख सकता है. पुदुचेरी की मौजूदा स्थिति क्या है और कैसा समीकरण है, चुनाव से पहले जान लें...
पुदुचेरी विधानसभा की मौजूदा स्थिति
यूं तो पुदुचेरी एक केंद्रशासित प्रदेश है, लेकिन यहां पर विधानसभा का भी प्रावधान है. मौजूदा वक्त में पुदुचेरी में कांग्रेस की सरकार है और वी. नारायणसामी मुख्यमंत्री हैं. केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर यहां किरण बेदी उपराज्यपाल हैं.
पुदुचेरी विधानसभा में कुल 30 विधायकों की संख्या है, जबकि यहां एक ही लोकसभा सीट है. 30 विधायकों के अलावा पुदुचेरी में तीन विधायकों को मनोनीत भी किया जा सकता है.
अभी किस पार्टी के पास कितनी सीटें?
पुदुचेरी में मौजूदा वक्त में कांग्रेस-डीएमके का गठबंधन सत्ता में है और एनडीए विपक्ष में है. (2016 विधानसभा चुनाव के हिसाब से)
कांग्रेस – 15, DMK – 2
AINRC- 8, AIADMK- 4, निर्दलीय – 1
बीजेपी- 3 (मनोनीत)
पुदुचेरी में करीब दस लाख वोटर हैं, जो इस बार राजनीतिक दलों की किस्मत का फैसला करेंगे.
यूपीए बनाम एनडीए के बीच की लड़ाई
तमिलनाडु की तरह ही पुदुचेरी में भी इस बार एनडीए और यूपीए में जंग देखने को मिल सकती है. अगर यूपीए की बात करें तो यहां कांग्रेस बड़ी पार्टी है और डीएमके दूसरे नंबर की पार्टी है. ऐसे में तमिलनाडु से इतर गठबंधन का हिसाब यहां पर पूरी तरह से उलटा है.
वहीं, एनडीए में ऑल इंडिया एन. आर. कांग्रेस (AINRC) सबसे बड़ी पार्टी है, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी ने बनाया था. उसके अलावा AIADMK और भारतीय जनता पार्टी भी इसी का हिस्सा है. हालांकि, मौजूदा वक्त में बीजेपी का यहां कोई चुना हुआ विधायक नहीं है, जो तीन हैं वो मनोनीत हैं.
2021 के चुनाव में क्या है खास?
बीते कुछ वर्षों में पुदुचेरी कई बार राष्ट्रीय सुर्खियों का हिस्सा रहा है, उसका कारण मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच की जंग रही. किरण बेदी और वी. नारायणसामी में अनबन बार-बार देखने को मिली है. इसके अलावा पुदुचेरी की राजनीति में काफी हदतक तमिलनाडु की छाप देखने को मिलती है, ऐसे में इस बार ना जयललिता हैं और ना ही करुणानिधि. यही कारण है कि ये चुनाव भी खास हो गए हैं.
बीजेपी जहां एआईएडीएमके के साथ दक्षिण में अपनी जगह बनाना चाहती है, तो कांग्रेस की कोशिश है कि अपने दुर्ग को बचाकर रखे. क्योंकि कांग्रेस अब कुछ ही राज्यों में सत्ता का हिस्सा है या संभाल रही है. साथ ही इस बार कमल हासन की पार्टी भी तमिलनाडु के साथ पुदुचेरी में अपनी किस्मत आजमा सकती है.