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पंजाब की पार्टियों को चुनावी नतीजों का इंतजार, एग्जिट पोल पर नहीं है भरोसा

कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाने की तैयारी कर रखी थी लेकिन आखिरी वक्त में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनते-बनते रह गई. चुनावी नतीजे आने पर अकाली-बीजेपी गठबंधन ने एक बार फिर राज्य की सत्ता हासिल की.

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नतीजों के बाद जश्न की तैयारी
नतीजों के बाद जश्न की तैयारी

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पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित होंगे और इसके साथ ही पंजाब की जनता और तमाम राजनीतिक दलों का लंबा इंतजार भी खत्म हो जाएगा. लेकिन इस से पहले एग्जिट पोल्स में दिखाए गए संभावित नतीजों को लेकर राजनीतिक दलों में कोई खास उत्साह नहीं दिख रहा है. पंजाब के तमाम राजनीतिक दल ये बात कह रहे हैं कि उन्हें शनिवार का इंतजार है जब ईवीएम मशीनों में बंद उनकी किस्मत का फैसला सबके सामने होगा.

पंजाब कांग्रेस के चंडीगढ़ के दफ्तर की बात करें तो वहां पर भी मामूली चहल-कदमी है और कोई भी बड़ा नेता यहां पर मौजूद नहीं है. दरअसल 2012 में इसी पंजाब कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाने की तैयारी कर रखी थी लेकिन आखिरी वक्त में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनते-बनते रह गई. चुनावी नतीजे आने पर अकाली-बीजेपी गठबंधन ने एक बार फिर राज्य की सत्ता हासिल की. इस बार भी एग्जिट पोल्स में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर दिखाई गई है इसी वजह से पंजाब कांग्रेस की तरफ से जीत का जश्न मनाने का कोई कार्यक्रम फिलहाल नहीं रखा गया है.

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एग्जिट पोल के बाद पंजाब कांग्रेस के कार्यकर्ता ये दावा जरूर कर रहे हैं कि शनिवार को आने वाले नतीजों में कांग्रेस की सरकार बन जाएगी. इसके बाद इसी पंजाब कांग्रेस भवन में जमकर जश्न मनाया जाएगा.

वहीं आम आदमी पार्टी को भी एग्जिट पोल्स में काफी आगे दिखाया गया है लेकिन इसके बावजूद AAP के चंडीगढ़ स्थित सेक्टर 16 के दफ्तर में सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां पर कोई भी प्रवक्ता, कार्यकर्ता या बड़ा नेता मौजूद नहीं है और आम आदमी पार्टी के तमाम नेता भी फोन पर शनिवार का इंतजार करने की बात ही कह रहे हैं. पार्टी नेताओं का दावा है कि नतीजे घोषित होने के साथ ही आम आदमी पार्टी पंजाब में सरकार बनाने की स्थिति में आ जाएगी और तब वो सबके सामने आकर अपनी बात रखेंगे.

पंजाब के एग्जिट पोल्स में अकाली-बीजेपी गठबंधन को काफी पीछे दिखाया गया है और पंजाब में गठबंधन का सूपड़ा-साफ होने की बात भी सामने आ रही है. इसी वजह से चंडीगढ़ के अकाली दल और बीजेपी के दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दिया और यहां से भी तमाम प्रवक्ता, कार्यकर्ता और नेता नदारद हैं.

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