पंजाब चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, 4 फरवरी को पंजाब की जनता पंजाब का फैसला करेगी. पंजाब में सत्ता में काबिज अकाली दल-बीजेपी, 10 साल सत्ता से बाहर कांग्रेस और पंजाब विधानसभा का पहला चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी धीरे-धीरे कर अपने पत्ते खोल रही है. पंजाब विधानसभा चुनाव अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के लिए लिटमस टेस्ट है. आइए जानते हैं कि मेगा मिशन पंजाब के सबसे बड़े इम्तेहान के लिए कितनी तैयार है आम आदमी पार्टी ?
जनसभाएं :
4 फरवरी को मतदान के लिए आचार संहिता पूरे पंजाब में लागू हो चुकी है लेकिन आम आदमी पार्टी ने पंजाब में चुनाव प्रचार एक साल पहले ही शुरू कर दिया था. छोटी बड़ी सभाएं करके पार्टी ने माहौल बनाना शुरू कर दिया था,
इतना ही आखिरी चरण के आक्रामक प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों कि जनसभाओं का दौर अपने चरम पर है. आप सूत्रों के मुताबिक 20 नवंबर से लेकर 1 जनवरी तक आम आदमी पार्टी ने पंजाब में लगभग 150 जनसभाएं की हैं.
जिसमें से 30-35 सभाएं खुद अरविंद केजरीवाल ने की हैं, 70 से ज्यादा जनसभाएं पार्टी के स्टार प्रचारक और संगरूर से आप के सांसद भगवंत मान ने की. 50 के लगभग सभाएं जरनैल सिंह, संजय सिंह और सुखपाल सिंह खैरा
ने की हैं, आप द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरें में खासकर भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल की जनसभाओं में अच्छी भीड़ दिखाई दी.
केजरीवाल फैक्टर :
आप ने पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे की घोषणा नहीं की है, पार्टी सूत्रों के मुताबिक महत्वकांछाओं की लड़ाई और पार्टी में फूट के डर से आप ने पंजाब चुनाव में केजरीवाल के चेहरे पर ही दांव खेला है. हालांकि
केजरीवाल कह चुके हैं कि आप की जीत के बाद पंजाब का मुख्यमंत्री पंजाब से ही कोई होगा.
डोर टू डोर :
दिल्ली की तर्ज पर ही आम आदमी पार्टी ने पंजाब में भी घर घर जाकर वोट मांगने की शुरूआत की जिसके अब तक 2 चरण पूरे हो चुके हैं. बूथ लेवल कार्यकर्ताओं के साथ हर गांव के गरीब घर में आम आदमी पार्टी अपना 2
राउंड पूरा कर चुकी है और तीसरे राउंड की जिम्मेदारी पार्टी कैंडिडेट को सौंपी है जिससे वो अपने इलाके में पकड़ बना सके.
टिकट वितरण :
पंजाब में चुनाव लड़ रही तीनों बड़ी पार्टियों में आप ने सबसे ज्यादा टिकट अब तक बांटे हैं, आम आदमी पार्टी ने अब तक 170 में से 110 टिकटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बैंस भाइयों को दी गई 5 सीटों में भी 4 की
घोषणा हो चुकी है, इक्का दुक्का सीटों के लिए कैंडिडेट की घोषणा बाकी है जो आजकल में पूरी हो जाएगी. वहीं कांग्रेस ने अब तक सिर्फ 61 टिकट ही बांटे हैं, अकाली दल और बीजेपी गठबंधन भी टिकटों के वितरण के मामले मे
काफी पीछे हैं.
डिजिटल प्रचार :
दिल्ली की तर्ज पर ही आप ने पंजाब में हाईटेक माध्यमों से प्रचार पर जोर दिया है, दिल्ली में केजरीवाल सरकार के काम और अरविंद केजरीवाल की छवि के साथ पंजाब के वादों को लेकर पार्टी ने फिल्म बनाकर जगह जगह गांवों
में प्रोजेक्टर के जरिए प्रचार शुरू कर दिया है. दिसंबर से शुरू प्रोजेक्टर से प्रचार के लिए आम आदमी पार्टी 600 से ज्यादा प्रोजेक्टर से लैस वाहनों का इस्तेमाल कर रही है, हर विधानसभा के कम से कम 4 गांव में प्रोजेक्टर के
जरिए प्रचार पर जुटी है.
सोशल मीडिया :
ट्विटर फेसबुक और व्हाट्सैप जैसे माध्यमों के जरिए चुनाव प्रचार आम आदमी पार्टी की यूएसपी रही है. नए तकनीक को जरिए नए वोटरों को देने के लिए डिजिटल तकनीक बेहद कारगर साबित हुई है, कई सौ कार्यकर्ताओं की टीम
सोशल मीडिया के जरिए अकाली सरकार की खामियां, दिल्ली में केजरीवाल सरकार के काम और आम आदमी पार्टी की अच्छाइयां जनता के बीच ले जाने कि कोशिश करती है.
कॉल कैंपेन :
डिजिटल माध्यमों के साथ आप कार्यकर्ता देश के कई हिस्से से एक सॉफ्टवेयर के चलते पार्टी के डाटा बेस से पंजाब के हर घर में फोन कर के उन्हें आप के लिए वोट डालने के लिए निवेदन करते हैं, यही फार्मूला आप ने दिल्ली में
भी अपना़या था.
NRI कैंपेन :
दिल्ली की तर्ज पर ही आप ने पंजाब में NRI समर्थकों को पंजाब में आकर चुनावों में प्रचार की कमान संभालने को कहा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक अबतक 20 हजार से ज्यादा समर्थक जो दुनिया के अलग अलग देशों में जैसे
कनाडा, अमेरिका, लंदन और ऑस्ट्रेलि़या में बसे हैं, वो पंजाब में आकर गांव गांव और शहर शहर आप के लिए वोट जुटाएंगे. पंजाब में बड़ा तबका विदेशों में रहता है और ऐसे में उनका प्रचार आप को फायदा पहुंचा सकता है.
रोड शो :
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आएगी, आप पंजाब में रोड शो का फार्मूला अपनाएगी़. हालांकि केजरीवाल कई रोड शो इसके पहले कर चुके हैं लेकिन जनवरी के दूसरे सप्ताह से पंजाब में रोड शो का सिलसिला बढ़
जाएगा.
जहां आप तैयारियों के मामले में पंजाब मे आगे चले रही है वहीं अकाली दल और कांग्रेस अभी तक टिकट बंटवारे पर ही अटके हैं. अकाली दल संगत दर्शन के जरिए हर गांव कस्बे तक पहुंच रही हैं तो कांग्रेस कॉफी विद कैप्टन और पंजाब की कैप्टन जैसे योजनाओं के साथ डोर टू डोर की रणनीति अपनाई है. जाहिर है पंजाब का चुनाव किसी के लिए भी आसान नहीं होगा.