लुधियाना के आतम नगर विधानसभा हलके से लगातार दो बार लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष सिमरजीत सिंह बैंस ने बाजी मारी है. 2012 में भी सिमरजीत सिंह बैंस ने ही जीत हासिल की थी और फिर 2017 में भी उन्होंने ही जीत हासिल की. 2017 में सिमरजीत बैंस को 53421, कांग्रेस के कमलजीत सिंह को 36508 और अकाली भाजपा गठबंधन के गुरमीत कोलार को मात्र 14138 वोट हासिल हुए. इस सीट पर सिमरजीत सिंह बैंस का पूरा दबदबा रहा है. इनके सगे भाई बलविंदर सिंह बैंस भी लुधियाना साउथ हलके से विधायक हैं.
कुछ दिन पहले तक यही माना जा रहा था की सिमरजीत सिंह बैंस को आतम नगर हलके से हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. लेकिन वक्त का पहिया कब बदल जाए कब वह करवट ले ले यह कोई नहीं जानता. हाल ही में लुधियाना की एक स्थानीय अदालत ने एक पीड़ित महिला के द्वारा दायर की गई याचिका के आधार पर सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका को स्वीकार नहीं किया और आखिर में लुधियाना पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा. जिससे उनकी छवि को एक गहरा झटका लगा है. अब आगामी 2022 चुनावों में यही बात उनका लगातार पीछा करेगी और विरोधी गुट इस बात का पूरा फायदा उठाने की फिराक में दिखाई दे रहे हैं.
इस बार इस हलके से कांग्रेस का पलड़ा कुछ हद तक भारी दिखाई दे रहा है. लेकिन यह भी देखना दिलचस्प होगा की पिछली बार लोक इंसाफ पार्टी और आम आदमी पार्टी, मिलकर चुनाव लड़े थे.
और पढ़ें- Ludhiana Central Assembly Seat: कांग्रेस विधायक सुरेंद्र डावर की दोबारा हो सकती है वापसी?
इस बार दोनों का क्या रुख होता है अगर दोनों में गठबंधन नहीं होगा तो आम आदमी पार्टी भी अपना उम्मीदवार यहां उतारेगी. जिससे सभी दलों के गणित गड़बड़ा सकते हैं. इस हलके का भी मुख्य मुद्दा नशा और विकास है. यहां सड़कों का बुरा हाल है और सिमरजीत बैंस इस मामले में पिछड़े ही दिखाई दे रहे हैं.
51 वर्षीय सिमरजीत बैंस दूसरी बार विधायक बने हैं. इससे पहले वो पार्षद भी रहे हैं. उनके बड़े भाई विधायक हैं. उनके एक बेटे और 2 बेटियां हैं. हाल ही में लुधियाना पुलिस ने उनके खिलाफ अदालत के आदेश के बाद बलत्कार का मामला दर्ज किया है.