लुधियाना के दाखा विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के एचएस फूलका ने जीत हासिल की. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मनप्रीत सिंह इयाली को हराया. एचएस फुल्का जो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं और जिन्होंने 1984 के दंगा पीड़ितों का केस लड़ा हराया, उन्होंने 58923 वोट हासिल किए. जबकि अकाली भाजपा गठबंधन के मनप्रीत सिंह इयाली ने 54754 और कांग्रेस के मेजर सिंह भैणी ने 28571 वोट हासिल किए. बाद में एचएस फूलका ने विधानसभा से अपना इस्तीफा दे दिया.
जिसके बाद यहां उपचुनाव हुए जिसमें अकाली-भाजपा के मनप्रीत सिंह इयाली ने कांग्रेस के संदीप संधु को हराकर दोबारा इस सीट पर कब्जा कर लिया. अब यहां से अकाली दल के मनप्रीत सिंह इयाली विधायक हैं. मनप्रीत सिंह का यहां काफी दबदबा है और लोगों में खासे लोकप्रिय भी हैं. आगामी 2022 चुनावों में भी उनका यह करिश्मा दोबारा दिखाई पड़ सकता है. क्योंकि अन्य पार्टियों के पास चुनावी जंग में उतारने के लिए कोई बड़ा चेहरा फिलहाल दिखाई नहीं पड़ता है. 46 वर्षीय विधायक पेशे से किसान है और उनके 2 बेटे हैं.
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लुधियाना लोकसभा सीट का इतिहास
पंजाब की लुधियाना लोकसभा सीट की इतिहास की बात करें, तो सन् 1957 में यह सीट कांग्रेस के बहादुर सिंह के हाथ में थी. 1962 में AD के कपूर सिंह, 1967 व 1971 में कांग्रेस के देविंदर सिंह, 1977 में SAD के जगदेव सिंह, 1980 में कांग्रेस के देविंदर सिंह, 1985 में SAD के मेवा सिंह, 1989 में SAD (M) की राजिंदर कौर, 1992 में कांग्रेस के गुरचरण सिंह, 1996 व 1998 में SAD के अमरीक सिंह, 1999 में कांग्रेस के गुरचरण सिंह, 2004 में शरणजीत सिंह और 2009 में कांग्रेस के मनीष तिवारी ने यहां कब्जा किया.
वहीं 2014 में कांग्रेस के रवनीत सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्हें 3,00,459 वोट मिले थे. वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) के हरविंदर सिंह 2,80,750 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे.
इस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 9 सीटें आती हैं, जिनमें लुधियाना पूर्वी, लुधियाना दक्षिण, अतम नगर, लुधियाना सेंट्रल, लुधियाना पश्चिम, लुधियाना उत्तर, गिल, दखा व जगराओं शामिल हैं.