डेराबस्सी विधानसभा चुनाव क्षेत्र पटियाला लोकसभा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत और एसएएस नगर (मोहाली) जिला का हिस्सा है. चुनाव क्षेत्र में कुल 23 लाख 8 हज़ार 560 से अधिक मतदाता हैं. इस औद्योगिक नगर की जनसंख्या 60 हजार के करीब है और इसमें एक दर्जन से ज्यादा निजी हाउसिंग सोसायटी और 100 गांव शामिल हैं. औद्योगिक नगर होने की वजह से यहां पर मजदूर तबके के लोग भी काफी संख्या में रहते हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन के दौरान इस विधानसभा चुनाव क्षेत्र से अकाली दल-भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र शर्मा चुनाव जीतते आए हैं. शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर दो बार चुनाव जीत चुके नरेंद्र कुमार शर्मा इस बार भी अकाली दल के प्रत्याशी होंगे. क्योंकि इस बार अकाली दल बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा इसलिए अब उसे एक तरफ जहां बसपा का मत शेयर (पिछली बार 1266 मत) का फायदा होगा, वहीं भारतीय जनता पार्टी के मत उसे नहीं मिलेंगे. कुल मिलाकर अबकी बार भी इस सीट पर अकाली दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा.
सामाजिक ताना-बाना
औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण डेराबस्सी की जनसंख्या में कई धर्मों के लोग शामिल हैं जो देश के कई हिस्सों से ताल्लुक रखते हैं. यहां ज्यादातर लोग सिख और हिंदू धर्म को मानते हैं लेकिन मुस्लिम और अन्य धर्मों के लोग भी यहां बसते हैं. मोहाली जिला की जनसंख्या का 48.15 फ़ीसदी हिस्सा सिख तो 47.88 फ़ीसदी हिस्सा हिंदू धर्म को मानने वाले हैं.
2017 का जनादेश
डेराबस्सी को शिरोमणि अकाली दल का परंपरागत गढ़ कहा जाता है. अकाली दल-भाजपा गठबंधन इस सीट पर दो बार चुनाव जीत चुका है. 2017 के डेराबस्सी विधानसभा चुनाव में अकाली दल का मत प्रतिशत 39.7 4 फ़ीसदी था. हालांकि कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह ढिल्लों, मौजूदा विधायक नरेंद्र कुमार शर्मा से सिर्फ 1920 मतों के अंतर से चुनाव हारे थे. डेराबस्सी में कांग्रेस दूसरे और आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर सिमट गई थी.
कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह को कुल 68,871 वोट पड़े थे और आम आदमी पार्टी की सर्वजीत कौर, 33,150 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रही थी. बहुजन समाज पार्टी के गुरमीत सिंह को 1268, शिवसेना के धर्मेंद्र कुमार को 892 ,अपना पंजाब पार्टी के अमरीक सिंह को 562 ,आजाद उम्मीदवार विनोद कुमार शर्मा को 473, समाज अधिकार कल्याण पार्टी की मंजू कौशल को 449 और एक अन्य आजाद उम्मीदवार मान सिंह को 338 वोट हासिल हुए थे. इसके अलावा 1345 लोगों ने नोटा का बटन भी दबाया था.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
डेराबस्सी विधानसभा चुनाव क्षेत्र से दो बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले नरेंद्र कुमार शर्मा अपने कई चुनावी वायदों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं. हालांकि इस नगर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्लाईओवर बन जाने से लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिली है. लेकिन वायदे के मुताबिक मौजूदा विधायक डेराबस्सी को एक खूबसूरत और सुविधाजनक नगर बनाने में नाकाम रहे हैं.
और पढ़ें- Firozpur Urban Assembly Seat: क्या कांग्रेस के परमिंदर सिंह पिंकी लगाएंगे जीत की हैट्रिक
समस्याएं एवं मुद्दे
डेराबस्सी चुनाव क्षेत्र में टूटी फूटी सड़कें हैं जिनमें बड़े-बड़े गड्ढे हैं और सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है. खूबसूरत शहर चंडीगढ़ से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक प्रदूषण चरम पर है. इस क्षेत्र में कार्यरत 300 औद्योगिक इकाइयां जमकर वायु और जल प्रदूषण फैला रही हैं. शहर में आवारा पशुओं की भरमार है जो आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं.
कहने को डेराबस्सी में एक सिविल अस्पताल है लेकिन वहां सुविधाएं ना के बराबर है. जिसके चलते लोगों को इलाज के लिए या चंडीगढ़ और या फिर अंबाला का रुख करना पड़ता है. डेराबस्सी के विधायक नरेंद्र कुमार शर्मा मूल रूप से एक बिल्डर हैं. 2017 में दूसरी बार चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी दीपेंद्र सिंह ढिल्लों ने शर्मा की जीत को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. नरेंद्र शर्मा पर आरोप था कि उन्होंने सरकार और सार्वजनिक संस्थानों के प्रति अपनी देनदारियों की सही जानकारी नहीं दी थी. लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए उनका चुनाव सही ठहराया था.
विविध
मौजूदा विधायक नरेंद्र कुमार शर्मा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी दीपेंद्र सिंह ढिल्लों पर गैरकानूनी तरीके से शराब का कारोबार करने के आरोप लगाते आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि ढिल्लों ने लॉकडाउन के दौरान जमकर गैरकानूनी शराब बेची. विधायक का आरोप है कि ढिल्लों डेराबस्सी चुनाव क्षेत्र में अवैध खनन और अवैध शराब का कारोबार करके युवकों को नशे की दुनिया में धकेल रहे हैं. उधर चुनाव हारने के बावजूद भी दीपेंद्र सिंह ढिल्लों पर कई सरकारी शिलान्यास करने का आरोप लगा था. वहीं ढिल्लो ने सभी आरोप को खारिज करते हुए शर्मा पर लैंड माफिया का साथ देने का आरोप लगाया था.