गुरदासपुर, पंजाब विधनसभा में निर्वाचन क्षेत्र संख्या 4 है. यह गुरदासपुर जिले में पड़ता है. लोकसभा का नाम भी गुरदासपुर ही है. यह सीट अनारक्षित विधानसभा क्षेत्र है.
इलेक्शन कमीशन के डाटा के मुताबिक, गुरदासपुर विधानसभा में कुल मतदताओं की संख्या 1,40,023 है. इनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 73,086 और महिला मतदाताओं की संख्या 66,937 है.
2012 के पंजाब चुनाव में शिरोमणि अकाली दल उम्मीदवार गुरबचन सिंह बब्बेहली को भारी बहुमत मिली थी. उन्हें कुल 21,570 वोटों के अंतर से जीत मिली थी. गुरबचन सिंह बब्बेहली को कुल 59,905 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार रमन बहल को 38,335 वोट मिले थे. 2012 में यहां 74.80 % मतदान हुआ.
वहीं 2017 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. 2017 में कांग्रेस उम्मीदवार बरिंदरमीत सिंह पाहरा ने शिरोमणि अकाली दल के गुरबचन सिंह बब्बेहली को 28956 वोटों के मार्जिन से हराकर 2012 विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया. 2017 में गुरदासपुर में कुल 57.68 प्रतिशत वोट पड़े.
गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं सनी देओल, जो भारतीय जनता पार्टी से चुने गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेता सुनील जाखड़ को हराकर इस सीट पर अपना कब्जा किया है. चुनाव आयोग के अनुसार देओल ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख जाखड़ को 82,459 मतों से हराया.
गुरदासपुर लोकसभा सीट है बेहद खास
गुरदासपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विनोद खन्ना 4 बार सांसद चुने गए थे. विनोद खन्ना 1998 में पहली बार गुरदासपुर सीट से सांसद बने और इसके बाद लगातार तीन चुनाव जीते. वह 1998, 1999, 2004 और 2014 में यहां से सांसद चुने गए. हालांकि, 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2014 में एक बार फिर से विनोद खन्ना ने जीत हासिल की.
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27 अप्रैल 2017 को विनोद खन्ना के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए और यह सीट फिर से कांग्रेस के हाथ में चली गई. कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने यहां बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बीजेपी के सवर्ण सिंह सलारिया को 1,93,219 मतों के अंतर से लोकसभा चुनाव हराया था.