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'नेहरू को जिम्मेदार ठहराते हैं PM मोदी, गलतियां नहीं सुधारते...', पंजाब चुनाव से पहले मनमोहन सिंह का संदेश

विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब के नाम पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का वीडियो संदेश जारी किया गया है. इसमें उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया है.

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मनमोहन सिंह का वीडियो संदेश कांग्रेस ने जारी किया है
मनमोहन सिंह का वीडियो संदेश कांग्रेस ने जारी किया है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी सबके सामने बेनकाब हो चुकी हैः मनमोहन सिंह
  • वीडियो संदेश में मनमोहन सिंह ने उठाया PM सुरक्षा का मुद्दा

पंजाब में विधानसभा चुनाव (punjab elections 2022) से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने पंजाब की जनता के नाम वीडियो संदेश जारी किया है. मनमोहन सिंह ने कहा कि लोगों को अपने अच्छे काम याद हैं. उन्होंने (बीजेपी) पीएम मोदी की सुरक्षा का मसला उठाकर पंजाब के सीएम और लोगों का अपमान किया. आज देखेंगे तो पाएंगे कि अमीर और अमीर होता जा रहा है. वहीं गरीब और गरीब हो रहा है.

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पंजाबी में जारी किए गए वीडियो संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा कि आज की स्थिति बहुत चिंताजनक है क्योंकि सरकार की नीतियों की वजह से कोरोना काल में महंगाई, बेरोजगारी बढ़ रही है. मनमोहन सिंह ने कहा कि मौजूदा पीएम (मोदी) अपनी गलतियां मानकर सुधारने की जगह, देश के पहले पीएम नेहरू को जिम्मेदार ठहराते रहते हैं.

अपने वीडियो संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को ये भी समझ लेना चाहिए की अपनी सूरत बदल लेने से सीरत नहीं बदलती, जो भी सच है वो हमेशा किसी ना किसी रूप में सामने आ ही जाता है! बड़ी-बड़ी बातें करना आसन होता है लेकिन उनको अमली जमा पहनाना बहुत मुश्किल होता है.

मुझे इस बात की तसल्ली है कि मुझपर चुप, कमजोर और भ्रष्टाचारी होने के आरोप लगाने वाली बीजेपी सरकार की बी और सी टीमें आज देश के सामने बेनकाब हो चुकी हैं.

पंजाब के नाम वीडियो संदेश में बोले मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि वह मानते हैं कि पीएम के पद की खास गरिमा होती है, ऐसे में इतिहास पर दोष लगाकर अपने दोष कम नहीं किए जा सकते. पूर्व पीएम ने कहा कि अपने 10 साल के कार्यकाल के वक्त उन्होंने खुद ज्यादा बोलने की बजाय काम को बोलने देने की तरजीह दी. सिंह ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए कभी सच पर पर्दा डालने की कोशिश नहीं हुई. कभी देश और ओहदे (पीएम) की शान को कम नहीं होने दिया.

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किसान आंदोलन का मनमोहन सिंह ने किया जिक्र

मनमोहन सिंह के कहा कि कुछ दिन पहले पीएम की सुरक्षा का मसला उठाकर पंजाब के सीएम सरदार चरण सिंह चन्नी, वहां की जनता का अपमान किया गया. इसी तरह किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब, पंजाबियत का बदनाम किया गया.

कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की ख़राब नीतियों के कारण लोग आर्थिकता, बेरोज़गारी और बढ़ती महंगाई से परेशान हैं. 7.5 साल सरकार चलाने के बाद सरकार अपनी गलती मानने और सुधार करने की बजाए पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराने पर लगी है

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

पूर्व पीएम ने आगे कहा कि इस सरकार का नकली राष्ट्रवाद जितना खोखला है, उतना ही खतरनाक है. इनका राष्ट्रवाद अंग्रेजों की बांटों और राज करो की नीति पर टिका है. संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है. ये सरकार विदेश नीति के मोर्चे पर भी पूरी तरह फेल साबित हुई है.

मनमोहन सिंह ने उठाया पीएम की सुरक्षा का मुद्दा

मनमोहन सिंह ने कहा, कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और यहां के लोगों को भाजपा द्वारा बदनाम करने का प्रयास किया गया, जिसे किसी भी लिहाज से एक सही परिपाटी नहीं माना जा सकता है. इसी प्रकार हमने यह भी देखा की किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने की कोशिश की गई थी. जिन पंजाबियों के साहस-शौर्य, देशभक्ति और त्याग को पूरी दुनिया सलाम करती है, उन पंजाबियों के बारे में क्या कुछ नहीं कहा गया. पंजाब की बहादुर मिट्टी से उपजे एक सच्चे भारतीय के रूप में मुझे उस पूरे घटनाक्रम से पीड़ा हुई है.

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, जो संविधान हमारे लोकतंत्र का आधार है, उस संविधान में इस सरकार की जरा भी आस्था नहीं है. संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है. मसला केवल देश के अंदर की समस्या का नहीं है, विदेश नीति के मोर्चे पर भी ये ये सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई है. चीन के सैनिक हमारी पवित्र धरती पर पिछले एक साल से बैठे हैं, पर उस पूरे मामले को दबाने की कोशिश हो रही है. पुराने दोस्त हमसे लगातार छिटक रहे हैं, वहीं पड़ोसी देशों के साथ भी हमारे रिश्ते खराब हो रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि अब सत्ता के हुक्मरानों को समझ में आ गया होगा कि देशों के रिश्ते नेताओं से जबरदस्ती गले मिलने, उन्हें झूला-झुलाने या बिन बुलाए बिरयानी खाने के लिए पहुंच जाने से नहीं सुधरते हैं.

सूरत बदलने से सीरत नहीं बदलती
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को ये भी समझ लेना चाहिए कि खुद की सूरत बदलने से सीरत नहीं बदलती है. जो सच है, वो किसी न किसी रूप में सामने आ ही जाता है. बड़ी बड़ी बातें करना बहुत आसान है लेकिन उन बातों को अमल में लाना बहुत मुश्किल होता है.

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