पंजाब की सत्ता में आने का ख्वाब देख रही आम आदमी पार्टी को 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका लगा है. बठिंडा से आम आदमी पार्टी की विधायक रूपिंदर कौर रूबी ने इस्तीफा दे दिया. 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी सूबे में दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी थी और इस बार नंबर वन बनने के जुगत में लगी थी, लेकिन एक के बाद एक हो रहे विधायकों से इस्तीफे से तीन नंबर की पार्टी बन गई है. रूबी का इस्तीफा ऐसे समय पर हुआ है, जब केजरीवाल पंजाब चुनाव को लेकर ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं.
बता दें कि रुपिंदर कौर रूबी चार साल में आम आदमी पार्टी छोड़ने वाली छठी विधायक हैं. इससे पहले आम आदमी पार्टी को छोड़कर सुखपाल सिंह खैहरा, पिरमल सिंह खालसा और जगदेव सिंह कमालू कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. इतना ही नहीं जैतो से विधायक बलदेव सिंह और एचएस फूलका ने भी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं, आम आदमी पार्टी छोड़ने वाली छठी विधायक रुपिंदर रूबी कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं.
रुपिंदर रूबी मंगलवार देर रात इस्तीफा देने से पहले मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी, पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी से मुलाकात की थी. इसी के बाद ही उन्होंने रात को सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा पोस्ट कर दिया और लिखा कि अरविंद केजरीवाल संयोजक आम आदमी पार्टी और भगवंत मान आपको बताना चाहती हूं कि मैं आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं. इसे स्वीकार किया जाए.
भगवंत मान का किया था समर्थन
बठिंडा ग्रामीण सीट से विधायक रूबी आम आदमी पार्टी की दिग्गज नेता मानी जाती हैं. रुपिंदर कौर रूबी आम आदमी पार्टी के गठन के समय से ही सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं. उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए ही उन्हें इस बार 7 विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी लगाया गया था. लेकिन, पार्टी के साथ उनकी नाराजगी उस समय सामने आई थी, जब वह भगवंत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने के लिए खुलकर सामने आई थीं.
रूबी ने भगवंत मान के हक में बयान देकर सभी को चौंका दिया था. इस दौरान रूबी ने यहां तक कह दिया था कि भगवंत मान के बाद तो अरविंद केजरीवाल ही बचते हैं. इसके बाद 29 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल की बठिंडा विजिट के दौरान भी वह पार्टी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं थीं. पार्टी के पोस्टरों से उनकी फोटो भी गायब थी और अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
पंजाब की सियासी जंग फतह करने के लिए आम आदमी पार्टी पूरे दम खम के साथ जुटी हुई है. अरविंद केजरीवाल लगातार पंजाब दौरों पर हैं और वोटरों को लुभाने के लिए तमाम बड़े वादे किए जा रहे हैं. ऐसे में मौजूदा विधायक और पार्टी दिग्गज नेता का इस्तीफा दिया जाना केजरीवाल के लिए लिए बड़ा झटका है, क्योंकि पिछले चार सालों में यह छठे विधायक ने पार्टी को अलविदा कहा है.
AAP नंबर दो से तीन पर आई
पंजाब के 2017 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. सत्ता में भले ही वो नहीं आ सकी थी, लेकिन शिरोमणि अकाली दल बादल को पछाड़ते हुए पार्टी ने पंजाब में 20 सीटें हासिल की थीं. इसके चलते आम आदमी पार्टी मुख्य विरोधी दल की कुर्सी पर काबिज थी जबकि अकाली दल के पास मात्र 15 विधायक हैं. अब आम आदमी पार्टी विधायकों को संभाल नहीं पाई है और उनके छह विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं, जिसके चलते उसकी संख्या अकाली दल से एक कम हो गई है. ऐसे में आम आदमी पार्टी नंबर दो से तीन नंबर पर आ गई है.