पंजाब (Punjab) में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने विधानसभा चुनाव के लिए 64 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. लिस्ट के मुताबिक, पार्टी चीफ सुखबीर बादल जलालाबाद से चुनाव लड़ेंगे.
इसके अलावा जत्थेदार तोता सिंह धर्मकोट से, जन्मेजय सिंह जीरा से, दलजीत सिंह चीमा रोपड़ से, महेशिन्दर सिंह ग्रेवाल लुधियाना पश्चिम से, सिखंदर सिंह रामपुरा फूल और जगमीत बरार मौर से चुनाव मैदान में होंगे.
अकाली दल ने पिछले साल तोड़ा भाजपा से गठबंधन
कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल ने एनडीए सरकार से बाहर आने का ऐलान किया था. पार्टी ने भाजपा के साथ करीब दो दशक पुराना रिश्ता तोड़ दिया था. 1992 तक भाजपा और अकाली दल अलग अलग चुनाव लड़ते थे. लेकिन 1997 में भाजपा-अकाली दल ने पहली बार एक साथ चुनाव लड़ा. तब से 2020 तक दोनों पार्टियां साथ साथ चुनाव लड़ती रही हैं.
बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी अकाली दल
इस बार अकाली दल ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 20 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी चुनाव लड़ेगी जबकि बाकी 97 सीटों पर अकाली दल चुनाव लड़ेगा.
कैसे रहे पिछले तीन चुनाव के नतीजे
2017: पिछले विधानसभा चुनाव में अकाली दल-भाजपा गठबंधन को बड़ा झटका लगा था. यहां 10 साल बाद कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाने में सफल रही थी. कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 117 में से 77 सीटें जीती थीं. वहीं, आप 20 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. अकाली दल को 15 जबकि भाजपा को सिर्फ 3 सीटें मिली थीं. अन्य को दो सीटों पर जीत मिली थी.
2012: 2012 के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के गठबंधन ने 117 सीटों वाली इस विधानसभा में कुल मिलाकर 68 सीटें जीती थीं. कांग्रेस यहां 46 सीटें ही जीत सकी जबकि 3 सीटें अन्य के खाते में गईं थीं.
2007: 2007 के चुनावों के समय कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी थी और अमरिंदर सिंह सरकार के मुखिया थे लेकिन वोटरों ने जो जनादेश दिया उसने कांग्रेस की सरकार से छुट्टी कर दी. पार्टी को इन चुनावों में महज 44 सीटें मिल सकीं. शिरोमणि अकाली दल को 49 और भाजपा को 19 सीटें मिलीं. इस तरह शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन सत्ता पर काबिज होने मे सफल रहा. अन्य को इन चुनावों में 5 सीटें मिली थीं.