पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) के भाई डॉ. मनोहर सिंह बस्सी पठानां से टिकट के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने यहां से सिटिंग विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को चुनाव मैदान में उतार दिया है. इस पर चन्नी के भाई ने बगावती तेवर अपना लिए हैं. डॉ. मनोहर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उन्होंने पिछले महीने बस्सी पठानां सीट से चुनाव लड़ने के लिए सरकारी एसएमओ की नौकरी के पद से इस्तीफा दे दिया था.
डॉ. मनोहर सिंह मोहाली के खरड़ सिविल अस्पताल में बतौर सीनियर मेडिकल आफिसर (एसएमओ) तैनात थे. अगस्त 2021 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बस्सी पठानां विधानसभा क्षेत्र एससी वर्ग के लिए रिजर्व है. मनोहर सिंह का दावा है कि कि कोविड के दौरान उनकी पोस्टिंग नंदपुर कलौर प्राइमरी हेल्थ सेंटर में थी और इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में बहुत काम किया, लेकिन वहां के विधायक जीपी ने उनका तबादला करवा दिया. इसी वजह से विधायक जीपी के साथ उनका 36 का आंकड़ा चल रहा है.
कई विधानसभा क्षेत्रों के नेताओं में असंतोष
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला है. सीएम चन्नी अपने भाई डॉक्टर मनोहर सिंह को चुनाव लड़वाना चाहते थे. मनोहर सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस भी लिया था. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की पहली लिस्ट आने के बाद पंजाब के मनसा, मोगा, मलोट और बस्सी पठाना सहित कई विधानसभा क्षेत्रों के नेताओं में असंतोष है. सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सीएम चन्नी के भाई मनोहर सिंह को टिकट नहीं दिए जाने के पक्ष में थे. उन्होंने मनोहर सिंह की जगह पार्टी के मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी की उम्मीदवारी का समर्थन किया था.