पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में छिड़ा दंगल अभी खत्म नहीं हुआ है. कांग्रेस की केंद्रीय कमेटी के सामने अपनी बात कहने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को वापस चंडीगढ़ लौट गए.
पंजाब में जारी विवाद को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो बार दिल्ली का दौरा किया है, लेकिन इनमें से एक भी बार उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात नहीं की है.
दूसरी ओर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पंजाब कांग्रेस के सुनील झाखड़, प्रताप सिंह बाजवा से मुलाकात की. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद प्रताप बाजवा ने कहा कि हमने मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की है, राहुल गांधी से पार्टी को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई है.
ऐसे में अब भी ये सवाल बना हुआ है कि क्या कांग्रेस पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. क्योंकि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.
पंजाब का असली कैप्टन कौन?
दरअसल, पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू और कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी की ओर से सबकुछ ठीक कराने के लिए एक कमेटी बनाई गई, जहां हर किसी ने अपनी बात रखी.
लेकिन इस बीच भी नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से बयानबाज़ी जारी रही. सियासी एक्सपर्ट्स का मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से ये सारी कोशिशें सिर्फ इसलिए की जा रही हैं, क्योंकि अब वो पंजाब के कैप्टन बनना चाहते हैं.
दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से भी कड़ा रुख अपनाया जा रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बात पर राजी नहीं हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस या सरकार में कोई अहम पद दिया जाए, बीते दिन उन्होंने कांग्रेस के नेताओं के सामने नवजोत सिंह सिद्धू की बयानबाजी पर नाराजगी भी जताई थी.