पंजाब (Punjab) में कांग्रेस (Congress) के भीतर की जंग अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाई है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) द्वारा अपना सलाहकार नियुक्त किए जाने के कुछ घंटों के बाद ही पूर्व आईपीएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा ने इस पेशकश को ठुकरा दिया है.
नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा सलाहकारों (Advisors) के नाम के ऐलान के बाद मोहम्मद मुस्तफा द्वारा बयान जारी किया गया.
उन्होंने कहा, ‘मैंने नवजोत सिद्धू का धन्यवाद किया है क्योंकि कम से कम कांग्रेस में एक व्यक्ति तो ऐसा है जिसने साढ़े चार साल के बाद मेरी सुध ली है. उनका यह प्रयास दिल को छूने वाला है. जब मुझे इसके बारे में पता चला तो मेरी आंखों में आंसू आ गए लेकिन मैंने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया है क्योंकि मैं किसी राजनीतिक पद के हक में नहीं हूं.’
मोहम्मद मुस्तफा ने अपने बयान के जरिए इच्छा जाहिर की है कि वह नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं.
कैप्टन और मुस्तफा में हुआ था विवाद
गौरतलब है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा काफी समय तक कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाते थे लेकिन बाद में दोनों के बीच में दूरियां आ गईं. मोहम्मद मुस्तफा पंजाब की कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं.
बता दें कि मुस्तफा काफी समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे हैं क्योंकि उनकी जगह पर साल 2019 में दिनकर गुप्ता को पंजाब पुलिस प्रमुख बना दिया गया था. मोहम्मद मुस्तफा के अलावा एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने भी दिनकर गुप्ता की नियुक्ति के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बाद में दिनकर गुप्ता ने पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था जिनमें मुस्तफा और चट्टोपाध्याय भी शामिल थे.
सिद्धू ने बनाए अपने चार सलाहकार
बता दें कि नवजोत सिद्धू के सलाहकारों में अमर सिंह भी शामिल हैं जो इससे पहले भी नवजोत सिंह सिद्धू के कैबिनेट मंत्री रहते हुए उनके सलाहकार रह चुके हैं. पंजाब कांग्रेस के इतिहास में पहली बार नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने चार सलाहकार नियुक्त किए जिनमें लोकसभा सदस्य डॉ. अमर सिंह, पूर्व आईपीएस ऑफिसर मोहम्मद मुस्तफा, बाबा फरीद विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार प्यारे लाल गर्ग और कैप्टन अमरिंदर सिंह के पूर्व सलाहकार बलविंदर सिंह मल्ली भी शामिल हैं.