पंजाब में पांच साल पहले अकाली दल को सत्ता से बेदखल करने के लिए युवाओं को सरकारी नौकरी देने का सपना कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिखाया था, लेकिन उसे वो अमलीजामा नहीं पहना सके. 2022 चुनाव से ठीक पहले हर घर नौकरी देने के वादे पर घिरी कांग्रेस को अब मझधार से निकालने में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी जुटे हैं. कैप्टन की कुर्सी संभालने वाले चरणजीत सिंह चन्नी चुनावी मोड में दिख रहे हैं. वह एक के बाद एक ऐसे कदम उठा रहे हैं जिससे कांग्रेस की सत्ता वापसी हो सके.
पंजाब में सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र की नौकरियों में पंजाबियों का कोटा फिक्स करने का दांव चलने के बाद अब सीएम चन्नी ने सरकारी नौकरियों का पिटारा खोल दिया है. माना जा रहा है कि 2022 के चुनाव से पहले सरकारी नौकरियों के जरिए कांग्रेस युवाओं को साधने के प्लान पर फोकस कर रही है.
नौकरी के मुद्दे पर घेरे में कांग्रेस
पंजाब की सियासत में नौकरी का मुद्दा इसलिए अहम है, क्योंकि नौकरियों को लेकर कांग्रेस सरकार सवालों के घेरे में रही है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने घर-घर रोजगार देने का वादा किया था, जिससे चुनाव में युवाओं का उसे खूब समर्थन मिला था. यह बात अलग है कि लोगों ने इसे सरकारी नौकरी का वादा समझा, पर कैप्टन अमरिंदर सिंह सत्ता में रहते हुए सिर्फ प्राइवेट नौकरियां दिलवाईं. पंजाब में सरकारी नौकरी की मांग को लेकर काफी समय से युवा धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं.
चुनाव से पहले चन्नी ने चला रोजगार दांव
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने युवाओं को साधने के लिए सरकारी नौकरियों की भर्ती खोल दी है. सीएम ने सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े सभी पदों को भरने की मंजूरी दे दी है. साथ ही प्राइवेट क्षेत्र में नौकरियां देने के लिए रोजगार मेला लगाने का भी प्लान बनाया है.
सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 16,340 पदों पर भर्ती करने की हरी झंडी दे दी है. उन्होंने आदेश में कहा है कि कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर तुरंत प्रभाव से अमल किया जाए और जो मांगें स्वीकार करने योग्य हैं, उनको सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें. जिससे वित्त विभाग से उसकी मंजूरी ली जा सके.
मुख्यमंत्री ने पंजाब में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले इन भर्ती की प्रक्रिया को पूरा कर लेने का भी आश्वासन दे दिया है. 10880 अध्यापकों के पद भरे जाने हैं. शारीरिक शिक्षकों के 2000 पद भरे जाने का फैसला भी लिया गया है. इसके अलावा 1,000 मुख्य अध्यापकों और अध्यापकों के वेतन में की गई कटौती को भी वापस लेने का फैसला किया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े 3400 विभिन्न पदों को भरने की मंजूरी भी दे दी गई है.
वहीं, सीएम चन्नी ने इससे पहले सरकारी विभागों में 10 साल या इससे अधिक अवधि से बिना किसी ब्रेक कार्यरत 36000 अस्थायी, एडहॉक और डेली-वेज आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरी पक्की करने का फैसला कर चुके हैं. इस तरह से सीएम चन्नी युवाओं को साधने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हैं ताकि 2022 के चुनाव से पहले उनकी नाराजगी को दूर किया जा सके.
पंजाब में युवा वोटर निर्णायक भूमिका में
बता दें कि पंजाब में 2 करोड़ 80 लाख से अधिक की आबादी है, जिनमें 2 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. पंजाब में कुल वोट में से करीब 53 फीसदी 18-39 आयु वर्ग के युवा मतदाता. ऐसे में युवा मतदाता सूबे की सियासत में काफी निर्णायक भूमिका में है, जिन्हें साधने के लिए तमाम पार्टियां जुटी हैं. आम आदमी पार्टी युवाओं को अपने पाले में लाने के लिए रोजगार फॉर्मू घर-घर भरवा रही हैं तो कांग्रेस ने रोजगार का पिटारा खोल दिया है.
कैप्टन के वादे को चन्नी ने किया साकार
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पंजाब के हर घर से एक व्यक्ति को नौकरी देने का वादा किया था. पार्टी का नारा था घर-घर नौकरी. वादा किया गया था कि सरकार हर साल 1.61 लाख लोगों को नौकरियां देगी. यह भी कहा गया था कि जब तक नौकरी नहीं मिलती तब तक 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. हालांकि, कांग्रेस सरकार ने रोजगार मेले लगाकर प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी देना का काम किया था.
पंजाब में करीब 20 लाख बेरोजगार नौजवान हैं. ये युवा पूछ रहे हैं कि हर साल दी जाने वाली डेढ़ लाख नौकरियां कहां गईं. ये पूछ रहे हैं कि नौकरियां नहीं तब तक 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने के वादे का क्या हुआ? ऐसे में चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव से ठीक पहले विभिन्न विभागों की सरकारी नौकरी की भर्ती को खोलकर उनकी नाराजगी को दूर कर युवाओं को साधने का दांव चला है. ऐसे में देखना है कि सीएम चन्नी क्या युवाओं को दिल जीत पाएंगे?