पंजाब में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव मैदान में हैं. नवजोत सिंह सिद्धू ने आज तक से बात करते हुए चुनाव से जुड़े हर पहलू और मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी. सिद्धू ने कहा कि बदलाव के लिए कुर्सी जरूरी नहीं है. दृष्टि होनी चाहिए.
सीएम को लेकर एक सवाल पर सिद्धू ने कहा कि हाईकमान का जो भी फैसला होगा, वह हम सहजता से स्वीकार करेंगे. अंतिम सांस तक कांग्रेस में ही रहेंगे. चरणजीत सिंह चन्नी को दलित चेहरे के तौर पर प्रस्तुत किए जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पंजाब जाति से नहीं, मुद्दों से बदलेगा. पार्टी की जो लाइन होगी, वही हमारी लाइन है. सिद्धू ने कहा कि सवाल है कि बदलेगा कौन, कैसे बदलेगा. इसे बदलेगा वो जो इस माफिया सिस्टम में ना रहा हो. ये धर्म की लड़ाई है. धर्म ये है कि पंजाब के लोगों का कल्याण हो.
प्रकाश सिंह बादल को धृतराष्ट्र बताते हुए सिद्धू ने कहा कि उन्हें सुखबीर के अलावा कोई दिखा ही नहीं. उन्होंने कहा कि पिछले कई साल से बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह एक-दूसरे को प्रोटेक्ट करते आए हैं. इन सबको तोड़कर नया सिस्टम खड़ा करना है जो कल्याणकारी स्टेट बनाए. सिद्धू का भटकाने के लिए बिक्रम सिंह मजीठिया को यहां भेजा गया. नवजोत सिंह सिद्धू ने नाम लिए बगैर मजीठिया पर निशाना साधा.
अकाली दल को खाली दल बना दिया
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनको पता है कि सिद्धू आ गया तो बदलाव होगा और बदलाव हुआ तो हमारी दुकानदारी बंद हो जाएगी. इनकी काबिलियत है कि ये सबसे बड़े रेत माफिया हैं. 10 साल 40-40 करोड़ स्टेट के खजाने में जमा कराया. दारू सारी इन्होंने बेची. पवित्र अकाली दल की जो जमात थी, उसे इन्होंने प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया. अकाली दल को खाली बना दिया. कई अच्छे लोग पार्टी छोड़कर चले गए. लोग अमन चाहते हैं. सिद्धू ने एक एफआईआर अमृतसर में कराई हो तो राजनीति छोड़ने को तैयार हैं.
मेरे लिए राजनीति प्रोफेशन नहीं, मिशन है
नवजोत सिंह सिद्धू ने अधिक दुश्मन बनाने से जुड़े सवाल पर कहा कि हमें लोग बुलाते रहे कि आओ सिस्टम में समा जाओ. पैसे में लीन हो जाओ लेकिन नहीं गया. ये 75 और 25 की लड़ाई है. सिद्धू ने कहा कि जनता ने छह-छह चुनाव मुझे जिताया है. मुझे किसी से प्रमाण पत्र नहीं चाहिए. मुझसे माफिया डरते हैं. धंधे वाले लोग मुझसे डरते हैं. मेरे लिए राजनीति प्रोफेशन नहीं, मिशन है. पैसे बहुत कमा रहा था कमेंट्री से भी.
ये कृपाण रखकर बिजनेस छीनने वाले लोग
सिद्धू ने अरुण जेटली के 2014 के चुनाव में यहां से चुनाव लड़ने से जुड़े किस्से याद करते हुए आरोप लगाया कि यही मजीठिया जेटली को यहां ले आए थे. तब इन्हें सिद्धू को यहां से निकालना था. कहते थे सर्टिफिकेट पर साइन करना है और मोदी लहर में भी डेढ़ लाख की डिफीट मिली. सिद्धू ने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि ये कृपाण रखकर बिजनेस छीनने वाले लोग हैं. इन्हें जनता चुनाव में सबक सिखा देगी.