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चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी का विक्ट्री मार्च, कार्यकर्ता बोले- केजरीवाल बनेंगे PM

एक चौराहे पर लोगों को संबोधित करते हुए कुछ आप नेताओं ने तो अरविंद केजरीवाल को भविष्य का प्रधानमंत्री तक करार दे दिया. आम आदमी पार्टी के चंडीगढ़ के सह प्रभारी प्रदीप छाबड़ा सहित कई नेताओं ने कहा कि दिल्ली के बाद चंडीगढ़ फिर पंजाब और उसके बाद केंद्र में सरकार बनाना पार्टी का लक्ष्य होगा.

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दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी का विक्ट्री मार्च
  • कार्यकर्ता बोले- PM बनेंगे केजरीवाल

चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में मिली जबरदस्त जीत के बाद आम आदमी पार्टी गदगद है. पार्टी ने गुरुवार को चंडीगढ़ में विक्ट्री मार्च का आयोजन किया, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए. सेक्टर 22 के कई चौराहों में अरविंद केजरीवाल का स्वागत किया गया. इस मार्च में भाग लेने वाले आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त जोश देखने को मिला.

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पंजाब में आप का विक्ट्री मार्च

एक चौराहे पर लोगों को संबोधित करते हुए कुछ आप नेताओं ने तो अरविंद केजरीवाल को भविष्य का प्रधानमंत्री तक करार दे दिया. आम आदमी पार्टी के चंडीगढ़ के सह प्रभारी प्रदीप छाबड़ा सहित कई नेताओं ने कहा कि दिल्ली के बाद चंडीगढ़ फिर पंजाब और उसके बाद केंद्र में सरकार बनाना पार्टी का लक्ष्य होगा. वहीं अरविंद केजरीवाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सबसे पुरानी और बड़ी राजनीतिक पार्टियां हैं लेकिन इन पार्टियों को भी संगठित होकर चुनावों में हराया जा सकता है.

दरअसल चंडीगढ़ में 35 में से 14 सीटें जीतने के बाद भी आम आदमी पार्टी के पास पर्याप्त बहुमत नहीं है. बहुमत साबित करने के लिए उसके पास कम से कम 18 पार्षद होना जरूरी है. भाजपा के पास 12 सीटें और कांग्रेस के पास 8 सीटें हैं. अकाली दल भी एक सीट जीतने में कामयाब हुआ है. आम आदमी पार्टी के सामने अब चंडीगढ़ नगर निगम पर काबिज होने की चुनौती है. जनवरी के पहले हफ्ते में मेयर का चुनाव होना है. आम आदमी पार्टी को एक तरफ जहां अपने पार्षदों द्वारा दूसरी पार्टियों को समर्थन देने की शंका है वहीं मेयर के चुनाव के वक्त क्रॉस वोटिंग का डर भी सता रहा है. खासकर इसलिए क्योंकि अब भारतीय जनता पार्टी ने भी मेयर का चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

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चुनौतियां क्या हैं?

इन खतरों को भांपते हुए अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को अपने पार्षदों को पार्टी ना छोड़ने और पार्टी को अपनी मां के बराबर दर्जा देने की शपथ दिलाई. जनवरी के पहले हफ्ते के दौरान चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव हो सकता है. हालांकि मेयर 5 वर्ष के लिए चुना जाता है लेकिन चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव रोटेशन के आधार पर होता है. यानी पहले और चौथे साल में एक महिला मेयर बनती है जबकि दूसरे और पांचवें साल में सामान्य श्रेणी से ताल्लुक रखने वाले पार्षदों में से मेयर चुना जाता है. तीसरे साल के दौरान दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाला मेयर कुर्सी पर बैठता है.

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