Punjab Election 2022: पंजाब में 6 फरवरी को संभावित कांग्रेस के सीएम चेहरे के ऐलान से पहले पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आक्रोशित नजर आए. शुक्रवार को सिद्धू ने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर सवाल खड़े किए और खुद को पंजाब की सोच रखने वाला ईमानदार नेता बताया. सिद्धू ने खुले तौर पर कहा कि जिस व्यक्ति के पास पंजाब के लिए एजेंडा है, रोडमैप है, ईमानदार सोच है, उसी को जनता को सोच-समझकर सबसे ऊपर कुर्सी पर बैठाना चाहिए.
सिद्धू ने आगे कहा कि अब जनता यह तय करे कि उन्हें एक ईमानदार आदमी चाहिए या फिर ऐसा आदमी चाहिए जिसका रेत माफिया के साथ संबंध हो और जो 75:25 पैसे की मुनाफे की भागीदारी हो, जो शराब माफिया चलाता हो.
सिद्धू ने कोई जवाब नहीं दिया
सिद्धू ने एक बार फिर कहा कि ये जनता तय करेगी कि उन्हें किसको चुनना है. हालांकि, नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने बयान में कहीं भी सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का नाम नहीं लिया. लेकिन जब उनसे सीएम चन्नी के भांजे की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किया गया, तब सिद्धू ने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू अपने आलाकमान को एक कटु संदेश देते हुए कह चुके हैं कि ऊपर बैठे लोग एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं जो उनकी धुनों पर ताल से ताल मिला सके.
दावेदारों में चन्नी ही सबसे आगे
दरअसल, पंजाब के लिए कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का राहुल गांधी रविवार को ऐलान करने वाले हैं. पार्टी के आंतरिक सर्वे में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में चन्नी ही सबसे आगे बताए जा रहे हैं. इसी वजह से सिद्धू अपने बयान और समर्थकों के जरिए सीएम फेस के लिए कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बनाते दिख रहे हैं.
आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश
यह पहला मौका नहीं है जब सिद्धू ने अपना तेवर दिखाया है और आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश की है. इससे पहले सिद्धू ने ऐसी राजनीति करके कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटवाया था और फिर उन्होंने पंजाब कांग्रेस की बागडोर पूरी तरह से अपने हाथ में ली. इसके बाद नए सरकार में कई नियुक्तियों में भी सिद्धू का हस्तक्षेप माना जाता रहा है.
2 सीट पर चुनाव लड़ेंगे चन्नी
बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस ने 20 फरवरी को होने वाले पंजाब चुनाव के लिए दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनावी मैदान में उतारा है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह पार्टी के सीएम चेहरा बन सकते हैं, क्योंकि एक सीट पर हारने की स्थिति में उन्हें दूसरी सीट से बैकअप दिया गया है. लिहाजा अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू पंजाब में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनने की रेस से बाहर हो चुके हैं.