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Punjab Exit Poll 2022: दिल्ली मॉडल का जादू या बदलाव की चाहत, पंजाब में क्यों चमक रही AAP

एग्जिट पोल के मुताबिक, आप को 41% वोट मिलने का अनुमान है. पंजाब में कांग्रेस को 2017 विधानसभा चुनाव के नतीजों की तुलना में 10% कम वोट मिलता दिख रहा है. 2017 में कांग्रेस को 38.8% वोट मिला था. इस बार यह घटकर 28% पर आ गया है. वहीं, अकाली दल को इस बार 19% वोट मिलते दिख रहे हैं.

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Aajtak Axis My India Exit Polls 2022
Aajtak Axis My India Exit Polls 2022
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पंजाब में आप 41% वोट मिलते दिख रहे
  • कांग्रेस इस बार 19-31 सीटों पर सिमटती नजर आ रही

Punjab Election Exit Poll 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं. आज तक एक्सिस माय इंडिया (Aaj tak-axis my india) के एग्जिट पोल में पंजाब में आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनती नजर आ रही है. खास बात ये है कि इस बार AAP को पंजाब में 41% वोट मिलते दिख रहे हैं. आइए जानते हैं कि पंजाब में आखिर आप को बढ़त कैसे मिलती दिख रही है. 

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पंजाब में परिवर्तन की लहर

एग्जिट पोल में पंजाब में परिवर्तन की लहर देखने को मिली. भले ही कांग्रेस ये दावा करती रही कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को बदलकर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर सब कुछ ठीक कर लिया है. लेकिन चुनाव में कांग्रेस का ये दांव फीका पड़ता नजर आ रहा है. कांग्रेस के खिलाफ इस बदलाव की लहर को आप ने बेहतर तरीके से भुनाया और खुद को कांग्रेस के विकल्प के तौर पर दिखाया. 

भगवंत मान का चमका चेहरा

पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को सीएम चेहरा घोषित किया. एग्जिट पोल में आप का यह दांव सफल होता दिख रहा है. पंजाब में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाती नजर आ रही है. भगवंत मान के मालवा इलाके की 69 विधानसभा सीटों में से 63 सीटें AAP को मिलने का अनुमान दिख रहा है. 

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आप को युवाओं का मिला साथ

आम आदमी पार्टी ने पंजाब में दिल्ली की तरह फ्री बिजली-पानी का वादा किया. इसके अलावा पंजाब में शिक्षा व्यवस्था का भी मुद्दा उठाया. शिक्षा को लेकर केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल पेश किया. एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार आप को युवाओं का साथ मिलता दिख रहा है. 

चन्नी का दलित कार्ड नहीं चला

कांग्रेस ने पंजाब में दलित मतों को साधने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर दलित चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया. इसके बावजूद दलित मतदाताओं को कांग्रेस अपने पाले में लाने में सफल नहीं हो सकी. पंजाब में दलितों की पंसद आम आदमी पार्टी बनी. 

अकाली दल-बसपा गठबंधन भी फेल रहा

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल का बसपा के साथ गठबंधन करने का दांव भी सफल होता नहीं दिख रहा. अकाली दल और बसपा मिलकर भी दलित वोटों को अपने पक्ष में नहीं करती दिख रही है. सुखबीर सिंह बादल पंजाब में न सिख वोटरों को साध पाए और न ही दलितों को. सर्वे के अनुमान के मुताबिक, अकाली दल को इस बार 7% वोटों का नुकसान होता नजर आ रहा है. 

बीजेपी-कैप्टन गठबंधन सफल नहीं

पंजाब में कांग्रेस से नाता तोड़कर अलग पार्टी बनाकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरे. लेकिन वे लोगों का दिल नहीं जीत सके. कैप्टन बीजेपी को संजीवनी देने में सफल नहीं हुए, जिसके चलते लोगों का विकल्प आम आदमी पार्टी बनी. पंजाब चुनाव में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का भी असर दिखता नजर आ रहा है.

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कांग्रेस में गुटबाजी रही हावी

पंजाब कांग्रेस में इस बार गुटबाजी हावी रही. कांग्रेस चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान चरणजीत चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू गुट में बंटी नजर आई. भले ही राहुल गांधी ने चुनाव से पहले चन्नी को सीएम चेहरा घोषित कर गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इसका असर वोटरों के मन पर पड़ता नजर नहीं आ रहा है. 
 

पंजाब में कांग्रेस को 10%, तो अकाली दल को 7% का नुकसान

एग्जिट पोल के मुताबिक, पंजाब में कांग्रेस को 2017 विधानसभा चुनाव के नतीजों की तुलना में 10% कम वोट मिलता दिख रहा है. 2017 में कांग्रेस को 38.8% वोट मिला था. इस बार यह घटकर 28% पर आ गया है. वहीं, अकाली दल को इस बार 19% वोट मिलते दिख रहे हैं. पिछले चुनाव में अकाली दल को 25.4% वोट मिले थे. बीजेपी गठबंधन को इस बार 7% वोट मिल रहा है. जबकि 2017 चुनाव में बीजेपी को 5.4% वोट मिले थे. 

पंजाब में क्या कह रहे एग्जिट पोल? 

कुल सीटें- 117, बहुमत के लिए जरूरी- 59 सीटें

पार्टी     एग्जिट पोल में सीटें 2017 के नतीजे
कांग्रेस 19-31 सीटें  77
आप 76-90 सीटें 20
अकाली दल 7-11 15
बीजेपी     1-4 3

       

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