पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ एक बार फिर से बगावत खुलकर सामने आ गई है. कैप्टन के खिलाफ 30 विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है, जिनमें कुछ कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं. ये सभी लोग कैप्टन अमरिंदर को सीएम पद से हटाने की मांग कर रहे हैं.
इस मसले पर कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेंदर बाजवा के घर पर सभी असंतुष्ट विधायकों और मंत्रियों की बैठक हुई है. बैठक के बाद तृप्त बाजवा ने बताया कि सीएम साहब (कैप्टन अमरिंदर) कांग्रेस को बांटना चाहते हैं, इसलिए मैं और हम सभी चाहते हैं कि सीएम को बदलना चाहिए, नहीं तो कांग्रेस नहीं बचेगी.
बाजवा ने बताया अपनी आवाज उठाने के लिए हम लोग कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने जा रहे हैं. आज ही दिल्ली के लिए निकल रहे हैं.
कैप्टन की लीडरशिप पर भरोसा नहीं
तृप्त बाजवा के अलावा इस बैठक में मंत्री सुखविंदर रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी भी मौजूद थे और इन्होंने भी कैप्टन पर सवाल उठाए हैं. इन लोगों ने कहा है कि कैप्टन की लीडरशिप पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.
मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि बहुत चुनावी वादे अभी तक अधूरे हैं. शराब, रेत और केबल माफिया अब भी मौजूद हैं. हम इन मसलों पर मुलाकात के लिए पार्टी हाईकमान से मीटिंग का वक्त मांग रहे हैं.
सिद्धू खेमा फिर मुखर हुआ
इस बैठक में वो तमाम विधायक थे, जो पिछली बार नवजोत सिंह सिद्दू के साथ थे और कैप्टन के खिलाफ नजर आए थे. हालांकि, इस बैठक में सिद्धू नहीं थे. लेकिन जिन विधायकों ने सिद्धू को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाने की लड़ाई में उनका साथ दिया था, वही विधायक अब कैप्टन अमरिंदर को मुख्यमंत्री के पद से हटाने का नारा बुलंद कर रहे हैं. कांग्रेस के अंदर ये सब ऐसे मौके पर हो रहा है जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में बहुत कम वक्त है.