पंजाब कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर अब बगावत तेज हो गई है. एक तरफ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू अपने खेमे की पैरवी में लगे हैं. वहीं, पार्टी ने मलोट, मनसा, मोगा और श्री हरगोविंदपुर के मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है, जबकि 12 और भी टिकट की कतार में थे.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह खुद बस्सी पठानां से टिकट के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने यहां से सिटिंग विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को चुनाव मैदान में उतार दिया है. इस पर चन्नी के भाई ने बगावती तेवर अपना लिए हैं. डॉ. मनोहर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उन्होंने पिछले महीने बस्सी पठानां सीट से चुनाव लड़ने के लिए सरकारी एसएमओ की नौकरी के पद से इस्तीफा दे दिया था.
चन्नी पार्टी में लेकर आए थे पर नहीं मिला टिकट
श्री हरगोविंदपुर से विधायक बलविंदर सिंह लड्डी ( Balwinder Singh Laddi) जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. उन्हें सीएम चन्नी ने टिकट का आश्वासन देकर पार्टी में वापस बुलाया था, लेकिन लड्डी को भी टिकट नहीं मिला है. उनके निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की संभावना है.
इतना ही नहीं, पार्टी ने मोहिंदर सिंह केपी को भी टिकट नहीं दिया है, जो सीएम चन्नी के करीबी रिश्तेदार हैं. वो आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांग रहे थे. उनकी जगह पिछले साल दिसंबर में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सुखविंदर सिंह कोटली को टिकट दिया गया है.
मोगा के विधायक बीजेपी में शामिल
मोगा के मौजूदा विधायक हरजोत कमल को पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वो बीजेपी में शामिल हो गए. हरजोत कमल की जगह एक्टर सोनू सूद की बहन मालविका सूद को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, उप विधानसभा अध्यक्ष अजैब सिंह भट्टी को भी मलोट से टिकट से वंचित कर दिया गया है. उनकी जगह आम आदमी पार्टी से आईं रूपिंदर कौर रूबी को टिकट दिया गया है. इसके अलावा नजर सिंह मनशाहिया (Nazar Singh Manshahiya) को भी मनसा से टिकट से नहीं मिला है, उनकी जगह गायक सिद्धू मूसेवाला ( singer Sidhu Musewala) को मैदान में उतारा गया है.
क्या सिद्धू और चन्नी की तकरार में कटा टिकट?
सीएम चरणजीत चन्नी के खेमे से जुड़े नेताओं को पार्टी का टिकट न दिए जाने को उनके और पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तकरार के नतीजे के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, सिद्धू भी अपने सहयोगियों के लिए सभी टिकट पाने में सफल नहीं रहे हैं. वो भोलाथ और फतेहगढ़ चुरियन से अपने खेमे के नेताओं के लिए टिकट पर नजर गड़ाए हुए थे पर उन्हें टिकट नहीं मिला. ऐसे ही अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी असंतोष देखा जा रहा है और ये कांग्रेस को महंगा भी पड़ सकता है. हालांकि टिकट की दूसरी लिस्ट अभी जारी होनी है.
117 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान
पंजाब में एक चरण में वोटिंग होगी. राज्य के सभी 117 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होगा. वहीं वोटों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी. पंजाब में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 21 जनवरी को जारी होगा. 28 जनवरी तक नामांकन कर सकेंगे, 29 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 31 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. 10 मार्च को चुनावों के नतीजे आएंगे. पंजाब में 117 विधानसभा सीटों में से 34 सीटें आरक्षित हैं.