उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को लेकर दिए गए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बयान ने राज्य में सरगर्मी बढ़ा दी है. भाजपा और आम आदमी पार्टी के बाद अब पंजाब में रहने वाले यूपी-बिहार के लोग भी सीएम चन्नी के खिलाफ लामबंद होते नजर आ रहे हैं. राज्य में 20 फरवरी को मतदान होना है. चुनाव से ठीक पहले दिए गए इस बयान से चन्नी को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. उनके बयान पर लोग तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं.
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम चन्नी के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. पीएम मोदी ने कहा कि सीएम चन्नी के बयान पर तालियां बजाने वाले लोग (प्रियंका गांधी) दिल्ली के रहने वाले हैं. पंजाब का ऐसा कोई गांव नहीं है, जहां उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग मेहनत न करते हों. इस तरह के बयान देकर कांग्रेस उनका अपमान कर रही है.
मूलतः बिहार के आरा जिले के रहने वाले महंत कमलेश बाबा पंजाब के जालंधर के निवासी हैं. वे पूर्वांचली संगठनों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को अपने बयान के लिए के लिए नुकसान उठाना पड़ेगा. पंजाब की इंडस्ट्री प्रवासी ही चलाते हैं और जब यह कहते हैं कि हम हर किसी को हजार रुपए देंगे तो पैसा कहां से आएगा. जब प्रवासी चले जाएंगे और आय खत्म हो जाएगी.
जालंधर में रहने वाले पूर्वांचली ओके संगठन शिव शक्ति सेवा ट्रस्ट के प्रमुख विंधेश्वरी गुप्ता कहते हैं, इस बयान पर हमारे समाज में आक्रोश है. कांग्रेस की प्रियंका गांधी खुद यूपी की हैं. लेकिन फिर भी सीएम चन्नी के बयान पर वे ताली बजा रही थीं. इसका खामियाजा उन्हें आने वाले 20 तारीख को उठाना पड़ेगा. यहां के लोग पूर्वांचल के लोगों से बहुत प्यार करते हैं.
आजमगढ़ के रहने वाले दिलीप पांडे ने कहा कि जब चन्नी साहब के बयान पर प्रियंका गांधी ताली बजा रही थीं तो उन्हें सोचना चाहिए था कि आखिर वह खुद कहां से आती हैं और उनके पिता जी कहां के रहने वाले थे. उनकी दादी कहां की रहने वाली थी. जिन्होंने यूपी में सरकार चलाई और राज किया. यह बहुत बड़ा मुद्दा बनेगा और हम इसके लिए धरना प्रदर्शन भी करेंगे.
मूलत: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले प्रताप नारायण यादव कहते हैं कि सीएम चन्नी कैसे कैसे भूल जाते हैं कि उनके गुरु संत रविदास बनारस के रहने वाले हैं और वह भी भैया हैं. पंजाब के गुरु भी बिहार के पटना साहिब से हैं.
बिहार के रहने वाले उमेश पटेल कहते हैं कि यहां सामाजिक भेदभाव नहीं होता. लेकिन सीएम चन्नी के बयान ने आहत किया है. क्योंकि यूपी-बिहार ही पंजाब के रीढ़ की हड्डी है. यूपी-बिहार के लोग ही पंजाब के उद्योगों में काम करते हैं.
जालंधर की सड़कों पर मूंगफली बेचने वाले बरेली के निवासी शिवकुमार कहते हैं कि बहुत सारे लोग हमें प्यार से भैया कहते हैं, लेकिन सभी प्रकार के लोग मिलते हैं. अब लोगों को सुनने की आदत पड़ गई है. काम-धंधा तो करना ही है रोजी-रोटी कमाने के लिए सब देखना पड़ता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिर्फ जालंधर जिले में करीब 5 लाख पूर्वांचल के लोग रहते हैं. इसमें से करीब 1 लाख दशकों से पंजाब में रहने के कारण यहीं के वोटर हो गए हैं. इसी अनुपात से अगर पंजाब के सभी जिलों को देखा जाए तो प्रवासी पूर्वांचलियों की संख्या काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.
भागलपुर जिले के रहने वाले श्रीनिवास पंडित ने बताया कि पिछले 20 सालों से उनका परिवार पंजाब में रह रहा है. यहां 25% लोग ही ऐसे मिलते हैं, जो सही नियत से हमें पुकारते हैं. वरना 75 फीसदी भैया शब्द तंज की तरह कहते हैं. जब मुख्यमंत्री पद पर बैठा कोई आदमी ऐसा कुछ कहे तो अच्छा नहीं लगता.