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राजेवाल और चढ़ूनी, किसान आंदोलन से निकले दो नेता जो पंजाब में ढूंढ रहे चुनावी राह

साल 2019 में चढ़ूनी हरियाणा के लाडवा सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं जबकि उनकी पत्नी ने साल 2014 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था. बता दें कि पंजाब के 117 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 10 मार्च को नतीजों का ऐलान होगा.

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बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी
बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजेवाल एक हफ्ते में करेंगे पंजाब में प्रत्याशियों का ऐलान
  • एसएसएम में विलय पर बोले चढ़ूनी, ऐसा कहना जल्दबाजी होगी

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ सफल किसान आंदोलन में जो दो नाम चमक कर सामने आए वो हैं बलबीर सिंह राजेवाल और गुरनाम सिंह चढ़ूनी. अब किसान आंदोलन के बाद ये दोनों ही नेता पंजाब चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक राह तलाशने में जुटे हुए हैं.

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संयुक्त समाज मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने रविवार को अगले महीने होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से इनकार किया और कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लेने वाले पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों ने पिछले महीने अपना राजनीतिक मोर्चा शुरू किया था और विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी.

संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) के नेताओं ने रविवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के साथ बातचीत की, जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त संघर्ष पार्टी की शुरुआत की है.

आम आदमी पार्टी से सांठगांठ को लेकर राजेवाल ने कहा कि मोर्चा का केजरीवाल की पार्टी से कोई गठजोड़ नहीं होगा. उन्होंने इन आरोपों को "निराधार" करार दिया कि उनके राजनीतिक मोर्चे को 60 सीटें चाहिए थीं जबकि आम आदमी पार्टी ने केवल 10 सीटों की पेशकश की थी.

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यह पूछे जाने पर कि क्या वे किसी अन्य पार्टी के साथ गठजोड़ करेंगे, राजेवाल ने कहा, 'समय आने पर हम देखेंगे.' उन्होंने कहा कि संयुक्त समाज मोर्चा ने तीन समितियां, उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए जांच समिति, संसदीय बोर्ड और एक घोषणा पत्र समिति का गठन किया है.

राजेवाल ने कहा, "हम दो-तीन दिनों में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगे और एक सप्ताह के भीतर सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी." यह पूछे जाने पर कि क्या केवल किसान ही उम्मीदवार होंगे, राजेवाल ने कहा कि उम्मीदवार अनुसूचित जाति समुदाय और व्यापारियों सहित समाज के हर वर्ग से होंगे.

वहीं बता दें कि चढ़ूनी हरियाणा बीकेयू के प्रमुख हैं. उन्होंने एसएसएम नेताओं के साथ बैठक की और कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा नहीं करने का फैसला किया है. एसएसएम के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए चढ़ूनी पत्रकारों से कहा कि उनके संगठन ने 10 उम्मीदवारों की घोषणा को रोक दिया है, जिन्हें वह मैदान में उतारना चाहता था.

यह पूछे जाने पर कि क्या उनके साथ सीट बंटवारे पर कोई बातचीत हुई है, उन्होंने कहा, जैसे-जैसे चीजें आगे बढ़ेंगी, हम आपको बताएंगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपने संगठन का एसएसएम में विलय कर सकते हैं, चढ़ूनी ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी.

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चढ़ूनी के साथ बैठक के बारे में पूछे जाने पर राजेवाल ने कहा कि एसएसएम ने एक समिति का गठन किया है, जो उनकी जरूरतों पर गौर करेगी और उसी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा. राजेवाल ने कहा, "उन्हें कितने टिकट चाहिए, हम कितने दे सकते हैं, यह समिति तय करेगी."

फिरोजपुर में प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक के सवाल पर राजेवाल ने कहा कि किसान इसमें शामिल नहीं हैं. उन्होंने मांग की कि सुरक्षा एजेंसियों को इस संबंध में जांच करनी चाहिए. वहीं, राजेवाल भी किसान आंदोलन के दौरान ही चर्चा में आए थे. राजेवाल को लेकर पंजाब में यह भी चर्चा है कि उन्हें आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकती है.

इधर, हरियाणा के कुरूक्षेत्र के रहने वाले चढ़ूनी बीते दो दशकों से किसानों की राजनीति कर रहे हैं. शानदार हिन्दी और पंजाबी बोलने वाले चढ़ूनी का कैथल, अंबाला, और यमुना नगर क्षेत्र में अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है. 

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