भाजपा की पहली सूची के बाद राजस्थान में हुए विरोध को देखते हुए पार्टी बैक फुट पर नजर आ रही है. दूसरी सूची में सांसदों के नाम गायब हैं तो दूसरी सूची में वसुंधरा और उनके समर्थकों को भरपूर जगह मिली है. बीजेपी ने 10 महिलाओं को भी मौका दिया है. साथ ही भाजपा का दामन थामने वाली ज्योति मिर्धा को भी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है.
भाजपा का राजस्थान में मध्य प्रदेश फार्मूला नहीं चल पाया. पहली सूची में 41 नाम में से 7 सांसद शामिल थे. लेकिन उसके बाद राजस्थान में हुए विरोध को देखते हुए दूसरी लिस्ट वसुंधरा खेमे के नाम नजर आई. दूसरी लिस्ट में 83 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. इसमें वसुंधरा समर्थक 27 नेता शामिल हैं, इसमें कई बड़े नेताओं का नाम भी शामिल है. झालरापाटन विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चुनाव मैदान में उतर गया है, तो आमेर से सतीश पूनियां को टिकट दिया गया है. बीजेपी की इस लिस्ट में 10 महिला, 15 अनुसूचित जनजाति और 10 अनुसूचित जाति के नेताओं को जगह मिली है.
नाथद्वारा से विश्वराज सिंह को टिकट दिया गया है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ को तारानगर से उम्मीदवार बनाया गया है, वो पहले चूरू से विधायक थे. भाजपा की इस लिस्ट में दो मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं. सांगानेर से पार्टी ने अशोक लाहोटी और चित्तौड़गढ़ से मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह का टिकट काटा है. चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह की जगह नरपत सिंह राजवी को चुनाव मैदान में उतारा है, नरपत सिंह राजवीर उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के दामाद हैं.
वसुंधरा गुट के इन नेताओं को मिला टिकट
भाजपा ने पहली सूची में 7 सांसदों को टिकट देकर सबको चौंका दिया था, लेकिन राजस्थान में मध्य प्रदेश का फार्मूला नहीं चल पाया. इसलिए दूसरी सूची में भाजपा ने सांसदों को दूर रखा है. इसमें वसुंधरा के 27 करीबी लोगों को टिकट दिए गए. इसमें कालीचरण सराफ, प्रताप सिंघवी, कैलाश वर्मा, सिद्धी कुमारी, मंजू बाघमार, संतोष अहलावत, सामाराम गरासिया, गोविंद प्रसाद, कालूराम मेघवाल, नरेंद्र नागर, बिहारीलाल बिश्नोई, कैलाश मीणा, अनिता भदेल, श्रीचंद कृपलानी, पुष्पेन्द्र सिंह, नरपत राजवी, ओटाराम देवासी, संतोष बावरी, गोपीचंद मीणा, छगन सिंह, शोभा चौहान, अभिषेक मटोरिया, जगसीराम कोली, रामस्वरूप लांबा, मानसिंह किनसरिया, गुरदीप शाहपीणी शामिल हैं. पहली सूची में नाम नहीं आने पर नाराज चल रहे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के दामाद को भी चित्तौड़गढ़ से चुनाव मैदान में उतारा है. ऐसे में साफ है किनपार्टी वसुंधरा राजे की अहमियत को समझ चुकी है.
जातीय समीकरण का तालमेल भी बैठाया
पार्टी का जातिगत समीकरण पर खास जोर है. जाट, ब्राह्मण, दलित, क्षत्रिय सभी को मौका दिया गया है. जाट नेता की बात करें तो आमेर से सतीश पूनियां, सुमित गोदारा, सूरजगढ़ से संतोष अहलावत, नागौर से ज्योति मिर्धा को टिकट दिया गया है. तो राजपूत समाज से वसुंधरा राजे, राजेंद्र सिंह राठौड़, नरपत सिंह राजवी, सिद्धि कुमारी को चुनाव मैदान में उतारा है. दलित नेताओं में अनीता बघेल, संतोष बावरी, कैलाश चंद वर्मा को टिकट दिया गया है, जबकि ब्राह्मण नेताओं में रामलाल शर्मा, भजनलाल शर्मा, संदीप शर्मा, संजय शर्मा पर बीजेपी ने भरोसा जताया है.
बीजेपी ने 10 महिलाओं पर जताया भरोसा
बीजेपी ने अनूपगढ़ से संतोष बावरी, बीकानेर से सिद्धि कुमारी, सूरजगढ़ से संतोष अहलावत, अजमेर दक्षिण से अनीता पटेल, जायल से मंजू बाघमार, नागौर से ज्योति मिर्धा, मकराना से सुमित भींचल, सोजत से शोभा चौहान, राजसमंद से दिप्ती माहेश्वरी, झालरापाटन से वसुंधरा राजे को चुनाव मैदान में उतारा है.
बीजेपी के 76 और कांग्रेस के 167 नामों का होना है ऐलान
राजस्थान में 200 विधानसभा सीट हैं. भारतीय जनता पार्टी ने कैंडिडेट की 2 लिस्ट जारी कर दी हैं. इनमें 124 उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी है. इस हिसाब से अब केवल राजस्थान में 76 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा होना बाकी है, जबकि कांग्रेस की अभी पहली लिस्ट ही आई है, इसमें 33 नामों का ऐलान किया गया है. कांग्रेस के अभी 167 नाम आना बाकी है. राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान है और 3 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी.