राजस्थान में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति तैयार करने में लगी हुई हैं. सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने के लिए पार्टियों के नेता अपने समीकरण फिट कर रहे हैं. बता दें कि इस चुनाव में अनुसूचित जाति के वोटर अहम भूमिका निभाएंगे. अलवर जिले की 11 विधानसभा सीटों पर अनुसूचित वोटरों की संख्या 20 फ़ीसदी है. इसलिए राजनीतिक दल के नेता इस वर्ग के वोटों को साधने के हर संभव प्रयास करते हैं. पहले भी चुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग निर्णायक भूमिका निभाता रहा है.
देशभर में इस समय जातीय जनगणना पर बहस छिड़ी हुई है. बिहार में सबसे पहले जातीय जनगणना हुई, तो अब कांग्रेस भी जातीय जनगणना कराने का राग अलाप रही है, लेकिन अलवर जिले में अनुसूचित जाति चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती रही है.
अलवर जिले की 11 विधानसभा सीटों में अनुसूचित जाति वर्ग का वोट बैंक करीब 20 फीसदी है. इसलिए विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव राजनीतिक दल अपनी चुनावी रणनीति में अनुसूचित जाति को साधने का प्रयास करती हैं.
विधानसभा क्षेत्र | कुल मतदाता | एससी वोटर |
अलवर शहर | 257821 | 48966 |
अलवर ग्रामीण | 256136 | 56350 |
रामगढ़ | 263700 | 55377 |
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ | 257883 | 43840 |
बानसूर | 247507 | 49502 |
बहरोड़ | 229557 | 41320 |
किशनगढ़बास | 247558 | 51988 |
तिजारा | 255697 | 46026 |
थानागाजी | 215860 | 41014 |
कठूमर | 223501 | 51406 |
मुण्डावर | 233107 | 41959 |
आंकड़ों पर नजर डालें तो 11 विधानसभा सीटों के कुल मतदाता 26 लाख 88 हजार 327 हैं. इनमें 527768 वोटर अनुसूचित जाति के हैं. इस हिसाब से कुल मतदाताओं में करीब 20 फीसदी मतदाता इसी वर्ग से हैं.
वैसे तो अनुसूचित जाति में अनेक जातियां शामिल हैं. इनमें जाटव, बैरवा, मेघवाल, बलाई, रैगर, वाल्मीकि, खटीक, धानक और अन्य जातियां शामिल हैं. चुनावी गणित में राजनीतिक दल जातीय संतुलन का विशेष ध्यान रखते हैं. ये वर्ग वोटिंग में पूरी भूमिका निभाने के साथ ही अपने हितों को देखते हुए जनप्रतिनिधि चुनने में भूमिका निभाते है.