राजस्थान में इस साल अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार प्रदेश में चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग राजस्थान में मतदान में आसानी और मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के साथ ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि आयोग के समक्ष लोगों के लिए मतदान अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव भी नहीं है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अखबार के विज्ञापनों के माध्यम से अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी. वहीं, राजनीतिक दलों को उम्मीदवार चुनने के अपने कारण भी बताने होंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में पहली बार बुजुर्ग मतदाताओं और 40 प्रतिशत या अधिक दिव्यांगता वाले लोगों के लिए घर से वोट डालने की सुविधा होगी.
अनिवार्य मतदान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. मतदान प्रतिशत बढ़ाने और मतदान में सुविधा बढ़ाने के लिए पहल की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब और नकदी के आवागमन की जांच करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जो हरियाणा और पंजाब बॉर्डर से लगे हुए हैं.
100 से ज्यादा उम्र के 18 हजार वोटर हैं राजस्थान में
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राजस्थान के सभी मतदाताओं से अनुरोध को सभी लोग अपने मत का प्रयोग करें. पिछले 2 दिनों में हम सभी पॉलिटिकल पार्टीज और एजेंसी से मिले हैं. इन्होंने डिमांड की है कि अगर कोई एफिडेविट गलत फाइल करे तो उसके खिलाफ एक्शन हो. कास्ट रिलेटेड जानकारी साझा न की जाए. संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों को तैनात किया जाएगा. राजस्थान में इस बार 5.25 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे. राजस्थान में 100 से ज्यादा उम्र के 18000 मतदाता हैं, हम उनसे मिले हैं.
राजस्थान में क्या है वोटर्स का गणित?
राजस्थान में 5.25 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 2.73 करोड़ पुरुष, 2.51 करोड़ महिलाएं और 604 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. राजीव कुमार ने कहा कि इनमें से 18,462 वोटर्स 100 साल से अधिक उम्र के हैं, 11.8 लाख वोटर 80 साल से अधिक उम्र के हैं और 21.9 लाख वोटर ऐसे हैं जो पहली बार वोट डालेंगे.
फ्री-बी, कैश लेनदेन पर रहेगी नजर
बैठक के दौरान राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा करते हुए राजीव कुमार ने कहा कि उन्होंने पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया, झूठे हलफनामों पर कार्रवाई, सोशल मीडिया पर जातियों से संबंधित असत्यापित और अनधिकृत डाटा, फ्री बी, कैश के वितरण पर नजर रखी जाएगी.
आपराधिक बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट को अखबारों में छपवाना होगा
राजीव कुमार के मुताबिक 80 लाख बुजुर्ग मतदाताओं को वोट फ्रॉम होम की सुविधा दी जाएगी. हालांकि वे बूथ पर जाकर भी वोट सकेंगे. इसके लिए उन्हें फॉर्म 12डी भरना होगा. दिव्यांग व्यक्ति को भी यह सुविधा मिलेगी. मानदंडों का उल्लंघन करने वालों पर 'सी विजिल एप' से नज़र रखी जाएगी. उम्मीदवार और उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच करने के लिए Know your candidate ऐप लॉन्च किया गया है. इसमें वोटर का नॉमिनेशन, प्रॉपर्टी और देनदारियां भी बताई जाएंगी. अगर किसी कैंडिडेट की आपराधिक पृष्ठभूमि है, तो उन्हें इस जानकारी को कम से कम 3 प्रमुख समाचार पत्रों में छपवाना होगा. इतना ही नहीं, पार्टियों को इस पर स्पष्टीकरण भी देना होगा.