राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान इन दिनों जोरों पर हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों में अंसुष्ट नेताओं को मनाने की कवायद भी जारी है. इस बीच कांग्रेस से बगावत कर राजस्थान के सूरसागर सीट से निर्दलीय नामांकन करने वाले रामेश्वर दाधीच ने गुरुवार को न केवल अपना नाम वापस ले लिया बल्कि वह बीजेपी में भी शामिल हो गए. रामेश्वर दाधीच जोधपुर के पूर्व मेयर हैं और उन्हें सीएम अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है.
मोदी की वजह से बना राम मंदिर
दाधीच ही नहीं बल्कि कांग्रेस के पूर्व दौसा जिला अध्यक्ष विनोद शर्मा भी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. जयपुर में पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, जिन्होंने भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ झोटवाड़ा से अपना पर्चा दाखिल किया था, ने पार्टी आलाकमान से बातचीत के बाद अपना नामांकन वापस ले लिया है. इसे बीजेपी के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.
बीजेपी का दामन थामने के बाद मीडिया से बात करते हुए दाधीच ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्णय लेने की क्षमता के कारण भाजपा में शामिल हुआ हूं. मैं लंबे समय से उनके काम से प्रभावित हूं. अगर मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते तो राम मंदिर का निर्माण (उत्तर प्रदेश के अयोध्या में) नहीं हो सकता था.'
बीजेपी के बागियों ने भी बढ़ाई मुश्किलें
वह केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद राजेंद्र गहलोत की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए. शेखावत ने कहा कि कांग्रेस और अन्य दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं क्योंकि वे ऐसी पार्टियों की नीतियों और फर्जी वादों से तंग आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि रेगिस्तानी प्रदेश से कांग्रेस सरकार की विदाई का समय आ गया है.
वहीं कई जगहों पर बीजेपी के बागियों ने पार्टी उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या, डीडवाना से यूनुस खान, शेओ से रवींद्र भाटी, खंडेला से बंशीधर बाजिया, कोटा के लाडपुरा से भवानी सिंह शेखावत, भीलवाड़ा के शाहपुरा से कैलाश मेघवाल और बाड़मेर से प्रियंका चौधरी सहित अन्य भाजपा बागियों ने निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन वापस नहीं लिया है. इन सीटों पर चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
कांग्रेस के बागियों ने भी नहीं लिया नाम वापस
दूसरी ओर, बड़ी सादड़ी से पूर्व कांग्रेस विधायक प्रकाश चौधरी, डूंगरपुर के चोरासी से महेंद्र बरजोड़, सरदारशहर से राजकरण चौधरी और मसूदा से ब्रह्मदेव कुमावत ने चुनावी दौड़ से नाम वापस नहीं लिया है और निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. गुरुवार को नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन था. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.