राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शनिवार को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. इसमें 33 नाम थे जिसमें सचिन पायलट पक्ष का पलड़ा भारी दिख रहा है. सीएम अशोक गहलोत के मुकाबले पायलट के करीबियों को पहली ही लिस्ट में जगह मिल गई है.
बीते 5 साल राजस्थान में कांग्रेस सरकार दो धड़ो में बंटी हुई नजर आई. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार चलती रही. इस दौरान अशोक गहलोत ने कई बार सचिन पायलट पर जुबानी हमला बोला. लेकिन सचिन पायलट चुप रहे. अब टिकट वितरण की बारी आई तो सबसे ज्यादा सचिन पायलट को ही तवज्जो दी गई.
गहलोत का खुला विरोध करने वालों को भी टिकट
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष तक सचिन पायलट अपनी बात पहुंचाने में सफल रहे. इसलिए पायलेट कैंप के ज्यादातर बड़े नाम को पहले ही लिस्ट में टिकट मिल गई. इसमें कई लोग तो ऐसे थे जिन्होंने खुलेआम सचिन पायलट का समर्थन करते हुए अशोक गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला था. लेकिन लगता है की पार्टी आलाकमान 5 साल की भरपाई टिकट वितरण में पूरी करने में लगा है.
अब दूसरी लिस्ट का काउंटडाउन
कांग्रेस की पहली लिस्ट आ चुकी है तो दूसरी लिस्ट के लिए काउंटडाउन चल रहा है. किसी भी समय दूसरी लिस्ट आ सकती है. पहली लिस्ट में सचिन पायलट कैंप का दबदबा रहा. पायलट के समर्थित विधायकों को बंपर टिकट मिले. लाडनूं से मुकेश भाकर को चुनाव मैदान में उतर गया तो वल्लभनगर से प्रीति शक्तावत को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. विराटनगर सीट से इंद्राज गुर्जर को चुनाव मैदान में उतर गया. सांगानेर से पुष्पेंद्र भारद्वाज और अलवर की मुंडावर सीट से ललित यादव को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया है. जबकि जयपुर की मालवीय नगर से लगातार दो बार हार चुकी अर्चना शर्मा को सचिन पायलट खेमे का फायदा मिला और पार्टी ने एक बार फिर से उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है. पर्वत कर रामनिवास गावड़िया सहित सभी पायलट के समर्थक माने जाते हैं. पहली लिस्ट को देखने से साफ है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सभी तक सचिन पायलट अपनी बात पहुंचाने में सफल रहे हैं. इसलिए पार्टी की तरफ से भी सचिन पायलट को पूरी तवज्जो दी जा रही है.
33 नाम में एक दर्जन नाम सचिन पायलट के समर्थकों के
राजनीति के जानकारों की मानें तो पहली बार लिस्ट में 33 नाम में से एक दर्जन नाम सचिन पायलट के समर्थकों के थे. इस हिसाब से 200 विधायकों में से कम से कम 60 टिकट सचिन पायलट समर्थकों के हो सकते हैं. इन नाम में एक नाम ललित यादव का नया है. 2018 में ललित यादव ने बसपा से चुनाव लड़ा था और हार गए थे. ललित यादव दूसरे नंबर पर रहे. ललित यादव हमेशा से सचिन पायलट के समर्थक रहे हैं और कई बार सचिन पायलट के साथ मंच शेयर करते भी नजर आए हैं. कांग्रेस के सर्वे में भी ललित यादव को सबसे मजबूत कैंडिडेट माना गया. इसके बाद पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए उनको चुनाव मैदान में उतारा है.
टिकट वितरण स्क्रीनिंग कमेटी में रखी पायलट ने बात
कांग्रेस पार्टी ने टिकट वितरण स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में गौरव गोगोई को लगाया था. गौरव की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य सचिन पायलट शामिल हुए. इस दौरान सचिन पायलट ने अपनी बात को जोरशोर से रखी तो गौरव ने भी सचिन पायलट की बात को पूरी तवज्जो दी है.
अनुभव वाले नेताओं पर दोनों पार्टियों का जोर
राज्य की दोनों ही मुख्य पार्टियों (बीजेपी और कांग्रेस) ने मौजूदा विधायकों पर दांव लगाया है. कांग्रेस हो या भाजपा अभी तक आए नाम में ज्यादातर नाम पुराने हैं. ऐसे में साफ है की दोनों ही पार्टियों अपने नेताओं पर दांव लगा रही है.
गहलोत के करीबियों का नाम लिस्ट में नहीं
राजस्थान में भाजपा सत्ता विरोधी लहर होने का दावा कर रही है. अभी तक गहलोत के करीबी शांति धारीवाल और प्रमोद जैन भाया को पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया है. कांग्रेस की लिस्ट में युवा चेहरे को मौका मिला है. इसके अलावा महिलाओं को भी कांग्रेस ने तवज्जों दी है. 33 नाम में से 26 प्रत्याशियों की उम्र 80 साल से कम है. इनमें 16 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी उम्र 45 या उससे कम है.
नए चेहरे के रूप में इन्हें मिला मौका
नए चेहरे के रूप में ललित यादव को मौका दिया गया. तो मुस्लिम प्रत्याशी दानिश अबरार को प्रत्याशी बनाया गया. पहली सूची में मुख्यमंत्री विधानसभा अध्यक्ष पीसीसी अध्यक्ष सहित सभी बड़े नाम सामने आए. तो कांग्रेस की पहली सूची ब्राह्मण, राजपूत, जाट, गुर्जर सहित सभी जातियों का समावेश नजर आई.