राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी और अजमेर की किशनगढ़ विधानसभा सीट से 2018 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ चुके विकास चौधरी ने अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है. आचार संहिता लगने के बाद बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसमें विकास चौधरी की जगह अजमेर लोकसभा सीट से सांसद भागीरथ चौधरी पर दांव खेला है. इसके बाद से ही विकास चौधरी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके थे.
जब बीजेपी की लिस्ट में विकास चौधरी का नाम नहीं आया तो किशनगढ़ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विकास चौधरी भावुक भी हुए थे. जिसके बाद वह लगातार विभिन्न गांवों का दौरा किया था. इसके बाद वह कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आए और बुधवार को झुंझुनू में प्रियंका गांधी की सभा में कांग्रेस में शामिल हो गए.
वसुंधरा राजे के करीबी हैं चौधरी
विकास चौधरी वसुंधरा राजे के खास करीबियों में शुमार हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भारी विरोध के बावजूद राजे ने विकास चौधरी पर दांव खेला. हालांकि विकास चौधरी चुनाव हार गए. साथ ही चौधरी को टिकट मिलने से बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी भारी विरोध हुआ. किशनगढ़ से बीजेपी के दावेदार माने जाने वाले भागीरथ चौधरी और सुरेश टाक ने भारी विरोध किया था.
सुरेश टाक ने तो निर्दलीय चुनाव भी लड़ा और वो चुनाव जीते, लेकिन चुनाव हारने के बावजूद 5 सालों तक विकास चौधरी सक्रिय रहे और वसुंधरा राजे के अजमेर दौरों के दौरान दमखम के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई थी.
सुरेश टाक ने नहीं की कांग्रेस ज्वाइन
सुरेश टाक ने निर्दलीय चुनाव जीतने के बावजूद 5 साल तक कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया लेकिन कांग्रेस ज्वाइन नहीं की. इसबार सुरेश टाक के बीजेपी में शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन बीजेपी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने से सुरेश टाक खफा हुए और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.
त्रिकोणीय हो सकता है मुकाबला
विकास चौधरी के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद अब किशनगढ़ सीट पर प्रबल दावेदार माना जा रहा है. बीजेपी से सांसद भागीरथ चौधरी मैदान में हैं तो वहीं मौजूदा विधायक सुरेश टाक के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद मुकबला त्रिकोणीय होने की संभावना है.