राजस्थान में विधानसभा चुनाव हैं और चुनाव से पहले बिहार की जातीय जनगणना के आंकड़ों को लेकर सियासत गर्म है. महिला आरक्षण भी चर्चा के केंद्र में है. जातिगत जनगणना को लेकर मुखर कांग्रेस जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी की बात कर रही है. राहुल गांधी केंद्र सरकार को ओबीसी सचिवों के मुद्दे पर घेर रहे हैं, महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं के लिए कोटे की भी बात कर रहे हैं.
इन सबके बीच कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों में विधानसभा से लेकर सरकार में महिला मंत्रियों की संख्या भी चर्चा के केंद्र में आ गई है. राजस्थान चुनाव में भी राहुल गांधी जातिगत जनगणना का दांव चल चुके हैं. ऐसे में बात राजस्थान सरकार में ओबीसी की भागीदारी को लेकर भी हो रही है. राजस्थान के चुनाव विपक्ष के जातिगत जनगणना के दांव का लिटमस टेस्ट भी माने जा रहे हैं. ऐसे में सवाल गहलोत सरकार में महिलाओं की भागीदारी और मंत्रिमंडल के जातीय समीकरणों को लेकर भी उठ रहे हैं.
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राजस्थान सरकार में कुल 28 मंत्री हैं जिसमें 19 कैबिनेट और 9 राज्य मंत्री हैं. 28 मंत्रियों के मंत्रिमंडल में महिला मंत्रियों की संख्या महज तीन ही है. देखा जाए तो ये आंकड़ा करीब 10 फीसदी पहुंचता है. गहलोत मंत्रिमंडल में दो मंत्री ब्राह्मण और तीन मंत्री वैश्य समुदाय से आते हैं. जाट समाज के चार कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री हैं.
गहलोत मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति के चार कैबिनेट मंत्री हैं तो वहीं अनुसूचित जाति के तीन कैबिनेट और दो राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री गुर्जर समाज से भी हैं. राजस्थान सरकार में राजपूत विधायकों को भी एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद मिला है. ओबीसी की बात करें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद इसी वर्ग से आते हैं.
गहलोत मंत्रिमंडल के मंत्री और उनकी जाति
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस के सबसे बड़े ओबीसी चेहरा हैं तो वहीं, राजेंद्र यादव, सुखराम बिश्नोई, उदयलाल आंजना भी सरकार में ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं. शकुंतला रावत और अशोक चांदना एसबीसी समाज से आते हैं तो बीडी कल्ला, महेश जोशी गहलोत मंत्रिमंडल का ब्राह्मण चेहरा हैं. शांति धारीवाल, प्रमोद जैन भाया और सुभाष गर्ग वैश्य समाज से आते हैं. हेमाराम चौधरी, लालचंद कटारिया, रामलाल जाट, बृजेंद्र सिंह ओला और विश्वेंद्र सिंह जाट समाज से आते हैं.
इसी तरह से प्रसादी लाल मीणा, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रमेश चंद्र मीणा, अर्जुन सिंह और मुरारी लाल मीणा अनुसूचित जनजाति तो ममता भूपेश, भजनलाल जाट, टीकाराम जूली और गोविंद मेघवाल गहलोत मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं. साले मोहम्मद और जाहिदा खान सरकार के मुस्लिम फेस हैं तो वहीं क्षत्रिय समाज से प्रताप सिंह खाचरियावास और भंवर सिंह भाटी भी गहलोत सरकार में मंत्री हैं.
गहलोत का जादू चलेगा या मोदी का मैजिक
महिला आरक्षण और जातिगत जनगणना के दांव के बीच का चुनाव मानी जा रही 2023 की इस जंग में अशोक गहलोत का जादू चलेगा या पीएम मोदी का मैजिक? ये चुनाव परिणाम ही बताएंगे लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही खेमे एक-दूसरे को शिकस्त देने के लिए हर संभव चुनावी अस्त्र का इस्तेमाल कर रहे हैं. राजस्थान चुनाव में हर बार सरकार बदलने का ट्रेंड तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत एक के बाद एक लुभावनी घोषणाएं कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है.