दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार करोड़पति बड़ी संख्या में खड़े हुए हैं तो अपराधी भी पीछे नहीं हैं. यहां 4 दिसंबर को होने वाले चुनाव में किस्मत आजमा रहे कुल उम्मीदवारों में एक तिहाई करोड़पति हैं तो उनमें से हर छठे उम्मीदवार पर आपराधिक मामले हैं.
बढ़ गए दागी उम्मीदवार
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, दिल्ली चुनाव में खड़े कुल 796 उम्मीदवारों में से 265 यानी 33 प्रतिशत करोड़पति हैं जबकि पिछली बार इनकी संख्या 180 थी. जहां तक आपराधिक रिकॉर्ड की बात है तो इस बार 129 यानी 16 प्रतिशत पर आपराधिक आरोप हैं. खास बात यह है कि पिछली बार 11 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आरोप थे.
औसत संपत्ति भी बढ़ी
इतना ही नहीं आंकड़े बताते हैं कि मौजूदा विधायकों की दौलत में भी जरदस्त इजाफा हुआ है. पिछले पांच सालों में उनकी दौलत 259 फीसदी बढ़ गई है. चुनाव लड़ रहे विधायकों की औसत दौलत में 10.43 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है. 2008 में यह आंकड़ा औसतन 2.9 करोड़ रुपए का था. दिल्ली के उम्मीदवारों की इस बार औसत दौलत 2.81 करोड़ रुपए है जबकि पिछली बार यह 1.77 करोड़ रुपए थी.
करोड़पतियों से पटी पड़ी है कांग्रेस
करोड़पतियों के क्लब में कांग्रेस का दबदबा है. इसके 70 उम्मीदवारों में से 61 करोड़पति हैं. बीजेपी दूसरे नंबर पर है और उसके 58 उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि आम आदमी पार्टी के 33 उम्मीदवार करोड़पति हैं.
बराबर है शीला-हर्षवर्धन की संपत्ति
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पास की संपत्ति 116 प्रतिशत बढ़ी है. यह 1.80 करोड़ रुपए से बढ़कर 2.81 करोड़ रुपए हो गई है. बीजेपी के उम्मीदवार डॉक्टर हर्षवर्धन भी उतनी ही संपत्ति के मालिक हैं. पांच सालों में उनकी दौलत 61 फीसदी बढ़ी है.
AAP की औसत संपत्ति सबसे कम
उम्मीदवारों की औसत दौलत की जहां तक बात है, इसमें भी कांग्रेस आगे है. उनके उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 14.25 करोड़ रुपए है जबकि बीजेपी के उम्मीदवारों की 8.16 करोड़ रुपए. आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर है. उसके उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.51 करोड़ रुपए है.
अकाली दल से हैं सबसे अमीर उम्मीदवार
लेकिन इस बार सबसे दौलतमंद उम्मीदवार न तो कांग्रेस के हैं और न ही बीजेपी के. वह शिरोमणि अकाली दल से खड़े हुए हैं. ये हैं मनजिंदर सिंह सिरसा जो राजौरी गार्डन से खड़े हुए हैं. उनकी कुल घोषित संपत्ति 235.51 करोड़ रुपए की है.