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आज है शीला दीक्षित की जिंदगी का सबसे बड़ा इम्तिहान, केजरीवाल और विजेंद्र गुप्ता से कड़ी टक्कर

दिल्ली की चाची अब नानी बन चुकी हैं और अपने ही विधानसभा क्षेत्र में उन्हें जबरदस्त जंग लड़नी पड़ रही है. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक करियर की आज सबसे बड़ी परीक्षा है. वह नई दिल्ली विधान सभा सीट से दो महारथियों के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.

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शीला दीक्षित- अरविंद केजरीवाल
शीला दीक्षित- अरविंद केजरीवाल

दिल्ली की चाची अब नानी बन चुकी हैं और अपने ही विधानसभा क्षेत्र में उन्हें जबरदस्त जंग लड़नी पड़ रही है. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक करियर की आज सबसे बड़ी परीक्षा है. वह नई दिल्ली विधान सभा सीट से दो महारथियों के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.

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बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल 15 साल तक दिल्ली की कुर्सी पर एकछत्र राज करने वाली शीला को कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं.

नई दिल्ली चुनाव क्षेत्र वैसे भी बहुत प्यार से पाला-पोसा गया इलाका है. यहां बड़ी तादाद में सरकारी कर्मचारी रहते हैं. यहां की सड़कें वर्ल्ड क्लास की हैं और लोगों में संतोष भी है.

पिछले दोनों चुनाव में शीला दीक्षित ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आसानी से हरा दिया था. क्रिकेटर और सांसद कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम भी उनके सामने टिक नहीं पाईं. लेकिन इस बार अरविंद केजरीवाल ने जबरदस्त अभियान छेड़ा है. उन्होंने लोगों की सोच में बदलाव लाने की कोशिश की है. बीजेपी ने भी मैदान में विजेंद्र गुप्ता को उतारा है जो मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे.इसका मतलब यह हुआ कि नई दिल्ली चुनाव क्षेत्र में दो दिग्गजों की पराजय होगी. इस बार की यह तिकोनी लड़ाई बेहद दिलचस्प और कांटे की है.

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विजेंद्र गुप्ता पुरानी दिल्ली से हैं लेकिन काफी मजबूत हैं और उन्होंने प्रचार में सभी बड़े नेताओं को उतारा है. वह इलाके में घूम-घूम कर लोगों से कहते हैं कि वे ऐसे उम्मीदवार को क्यों वोट देंगे जो अपने निर्वाचन क्षेत्र की कभी सुध भी नहीं लेती. साथ ही वह महंगाई की भी बात करते हैं. उन्होंने अपने हर भाषण में अटल बिहारी वाजपेयी और नरेन्द्र मोदी का नाम लिया. लेकिन बहुत सफाई से वे दिल्ली में सीएम उम्मीदवार हर्षवर्धन का नाम लेने से बचते रहे. हर्षवर्धन को उनकी जगह उम्मीदवार बनाया गया है.

आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल युवा वर्ग में बहुत लोकप्रिय हैं. जनलोकपाल विधेयक के लिए हुए आंदोलन में उन्हें युवा वर्ग का जबरदस्त साथ मिला था. वोटिंग के पहले अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि यह बड़ा आंदोलन है, यह क्रांति है. एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार मुक्त भारत चाहते हैं, यह चुनाव उनके लिए है.

लेकिन आम आदमी पार्टी के लिए पुरानी पीढ़ी के लोगों में उत्साह नहीं दिखता. वे या तो कांग्रेस के साथ हैं या फिर बीजेपी के. हाल के एक ओपिनियन पोल में कहा गया कि केजरीवाल शीला दीक्षित को हरा सकते हैं लेकिन सीएम ने उसका खंडन किया. उन्होंने कहा कि मैं अपनी विजय के बारे में आश्वस्त हूं और मेरी पार्टी जीतेगी. हम अगली सरकार बनाएंगे. ओपिनियन पोल का कोई आधार नहीं है. शीला दीक्षित ने पूनम आज़ाद को 2003 में 11,000 वोट से हराया था जबकि 2008 में विजय जॉली को भारी अंतर से हराया था.

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आज चुनाव में कुल 1.19 करोड़ मतदाता वोट दे रहे हैं जिनमें 4.05 लाख पहली बार वोट देंगे. 70 सीटों के लिए कुल 810 उम्मीदवार मैदान में हैं.

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