अगर कांग्रेस सूत्रों पर यकीन करें तो कभी मुलायम का दायां हाथ रहे पूर्व सपा नेता अमर सिंह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. इतना ही नहीं, सत्तारूढ़ पार्टी उन्हें गौतम बुद्ध नगर से चुनाव भी लड़ा सकती है. फरवरी 2010 में उन्हें और अभिनेत्री-सांसद जया प्रदा को सपा से निकाल दिया गया था.
2011 में अमर सिंह ने राष्ट्रीय लोकमंच नाम से अपनी पार्टी बना ली और 2012 में उत्तर प्रदेश की 260 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी का खाता नहीं खुला. बताते हैं कि यहीं से अमर सिंह को अपनी घटती ताकत का अंदाजा हो गया और उनके कांग्रेस से जुड़ने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगीं.
इस साल फरवरी में अमर सिंह ने दो बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. बल्कि 4 मार्च को जब कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई तो उसमें गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से संभावित उम्मीदवारों में उनके नाम की भी चर्चा की गई. गौतम बुद्ध नगर में ठाकुर वोट खासी संख्या में है. कांग्रेस के भीतर इस बात की चर्चा है कि जाति से ठाकुर और यूपी का अहम राजनीतिक चेहरा होने की वजह से वह पार्टी के लिए काफी वोट बटोर सकते हैं.
अमर सिंह के कांग्रेस में जाने की संभावना इसलिए भी लगती है क्योंकि उनकी खास मानी जाने वाली जया प्रदा मुरादाबाद से कांग्रेस टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. स्थानीय कांग्रेस नेता इस पर मुहर लगा चुके हैं.
अगर अमर सिंह ने 'हाथ' का दामन थामा तो यह उनकी दूसरी राजनीतिक पारी होगी. बल्कि 4 मार्च से एक दिन पहले ही सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपने भाषण में अमर सिंह का जिक्र किया था. अमर सिंह का नाम लिए बिना उन्होंने कहा था कि वह एकमात्र शख्स थे जिन्हें पता था कि सरकार में काम कैसे किया जाता है.
वरिष्ठ सपा नेता रामगोपाल यादव कहते हैं, 'अगर अमर सिंह गौतम बुद्ध नगर से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ते हैं तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी.' हालांकि आधिकारिक ऐलान अभी बाकी है. हो सकता है कि गुरुवार को आने वाली पहली सूची में ही उनका नाम हो.