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87 वर्षीय अच्युतानंदन जीते, 92 वर्षीय गोवरी हारे

केरल विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चा के चुनाव प्रचार में पूरे प्रदेश की यात्रा करने वाले प्रदेश के 87 वर्षीय मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन चुनाव जीत गये हैं. वहीं प्रदेश में सबसे अधिक उम्र की उम्मीदवार 92 वर्षीय के.आर. गोवरी को हार का सामना करना पड़ा है.

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वी.एस. अच्युतानंदन
वी.एस. अच्युतानंदन

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केरल विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चा के चुनाव प्रचार में पूरे प्रदेश की यात्रा करने वाले प्रदेश के 87 वर्षीय मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन चुनाव जीत गये हैं. वहीं प्रदेश में सबसे अधिक उम्र की उम्मीदवार 92 वर्षीय के.आर. गोवरी को हार का सामना करना पड़ा है.

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने दिग्गज मार्क्‍सवादी मुख्यमंत्री की उम्र को लेकर उन पर निशाना साधा था तो प्रतिक्रिया में अच्युतानंदन ने भी राहुल को ‘अमूल बेबी’ कह डाला. इस पर काफी विवाद हुआ था.

माकपा की प्रदेश कमेटी ने पहले स्वास्थ्य आधार पर अच्युतानंदन को टिकट नहीं देने का फैसला किया था लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप पर फैसला वापस ले लिया गया. अच्युतानंदन ने कांग्रेस उम्मीदवार लतिका सुभाष को 23 हजार से अधिक मतों से हराया.

एक समय फायरब्रांड नेता रहीं 92 वर्षीय गोवरी उन उम्मीदवारों में से थीं जिन्हें केरल में 13 अप्रैल को हुए चुनाव में अपने से आधी उम्र के प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ पसीना बहाना पड़ा.

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पूर्व कम्युनिस्ट नेता और वर्तमान में यूडीएफ के सहयोगी जेएसएस की नेता गोवरी को एलडीएफ प्रत्याशी पी. तिलोत्तमन ने पराजित किया है जिनकी उम्र 40 से 50 के बीच होगी. गोवरी अब तक 16 बार चुनाव में किस्मत आजमा चुकी हैं और केवल तीन चुनाव हारी हैं. पहली हार उन्हें 1948 में प्रथम प्रयास में मिली. इसके बाद 1977 और 2006 में भी वह चुनाव हार गयीं.

नेमॉम में पूर्व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री और भाजपा के उम्मीदवार ओ. राजगोपाल (82) को भी मतदाताओं का जिताउ समर्थन नहीं मिला. उन्हें माकपा विधायक वी. शिवनकुट्टी ने हरा दिया.

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