राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यदि कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती तो इसकी जिम्मेदारी राहुल गांधी पर डाली जा सकती है.
साथ ही, राजनीति में अपने साढ़े चार दशक पूरे कर रहे पवार ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा है कि वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
संप्रग में प्रमुख सहयोगी दल राकांपा के नेता और कृषि मंत्री पवार को राहुल को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर फिलहाल पेश किये जाने की संभावना नहीं लगती भले ही कांग्रेस उप्र चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करे.
पवार ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने उन्हें (राहुल गांधी को) पेश किया है. वह प्रमुख प्रचारक हैं ना कि दिग्विजय सिंह या कोई अन्य नेता. कांग्रेस पार्टी कुछ भी कहे लेकिन अगर वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो जनता तथा चुनाव विश्लेषक निश्चित तौर पर उन्हें जिम्मेदार ठहराएंगे.’ कांग्रेस ने पवार के बयान को कमतर आंकने का प्रयास किया है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि किसी को श्रेय देना या जिम्मेदार ठहराना बिल्कुल अनुचित है.
जब पवार से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी को विधानसभा चुनाव के तत्काल बाद अगले प्रधानमंत्री के तौर पर पेश किया जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि अच्छे नतीजों के बाद भी कांग्रेस उन्हें तत्काल पेश करेगी. वे अगले चुनावों का भी इंतजार कर सकते हैं.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘आज की स्थिति में मुझे राष्ट्रीय नेतृत्व में मूल तौर पर प्रधानमंत्री पद में बदलाव की कोई संभावना नहीं दिखाई देती.’
राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा को चुनाव के बाद अन्य दलों से समर्थन मिलने की ज्यादा संभावना है. यदि वे सरकार बनाने में सफल होते हैं तो यह कांग्रेस का मनोबल बढ़ाने वाली बात होगी. संप्रग की स्थिरता की दृष्टि से हालात में सुधार होगा. पवार ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मायावती को कौन समर्थन देगा. यदि मायावती की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो केवल भाजपा समर्थन दे सकती है क्योंकि मुलायम सिंह की पार्टी उनका समर्थन नहीं करेगी. अजित सिंह और अन्य से समर्थन मिलने का सवाल ही नहीं उठता. हालांकि नितिन गडकरी ने कहीं पर कहा था कि भाजपा सरकार बनाने के लिए मायावती को समर्थन नहीं देगी.’ उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संप्रग की स्थिरता के लिहाज से बहुत अहमियत नहीं रखते.
उन्होंने चुनाव वाले पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश और पंजाब को सबसे अधिक अहम बताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस पंजाब में सत्ता में आएगी जो कि कंेद्र के लिहाज से बहुत फायदे की बात होगी.
राहुल के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘हमें एक चीज माननी होगी कि वह किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह दौरे कर रहे हैं. कई जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं. यदि कांग्रेस की हालत में सुधार होता है तो निश्चित रूप से श्रेय उन्हें जाएगा. ऐसा भी लगता है कि कांग्रेस ने उन्होंने स्टार प्रचारक के तौर पर पेश करने का फैसला सोच समझकर लिया है.’
चुनावी राजनीति के संदर्भ में पवार ने कहा कि उन्होंने काफी कुछ देख लिया है चूंकि 1967 से लगातार चुने जाते रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे जैसे लोगों की जिम्मेदारी है कि युवाओं को प्रोत्साहित किया जाए और युवा नेतृत्व लगातार काम करेगा.’ क्या पवार भविष्य में किसी को राकांपा का नेता पेश करने के बारे में सोच रहे हैं, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं किसी को पेश करने में भरोसा नहीं करता. यह एक तरह की सामंती सोच है. मान लीजिए कि कोई किसी राज्य का राजा है तो अगली पीढ़ी आएगी और सत्ता संभालेगी, यह अलग बात है. यह लोकतंत्र है. मैं कह नहीं सकता कि अंतत: कौन आएगा.’