मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की तेज तर्रार नेता उमा भारती को युपी में पार्टी की बागडोर सौंपी गई है.
2005 में पार्टी से निष्कासित की गई उमा भारती को नितिन गडकरी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद 2011 में बीजेपी में दोबारा वापसी हुई. लेकिन इस बार उन्हें मध्यप्रदेश की सियासत से दूर उत्तर प्रदेश में पार्टी के खोए हुए जनाधार को वापस लाने की ज़िम्मा सौंपा गया है. बीजेपी को लगता है कि उमा भारती के ज़रिए पार्टी ग़ैर-यादव पिछड़ी जाति के लोगों को अपने साथ दोबारा जोड़ सकती है.
53 वर्षीय उमा भारती ख़ुद लोध समाज से आती हैं और उत्तर प्रदेश में इस जाति के अच्छे ख़ासे मतदाता हैं. बीजेपी ने उमा भारती को बुंदेलखंड इलाक़े में महोबा ज़िले के चरख़ारी से चुनाव मैदान में उतारा है. उमा भारती अपनी सीट शायद भले ही आसानी से जीत जाएं लेकिन पूरे राज्य में पार्टी के खिसक चुके जनाधार को वापस लाना शायद उनके लिए आसान नहीं होगा.