पंजाब और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग सोमवार शाम 5 बजे खत्म हो गई. पंजाब में 117 जबकि उत्तराखंड में 70 सीटों के लिए वोटिंग हुई.
अमृतसर के टुंडा में बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई जबकि अबोहर में कांग्रेस और एक निर्दलीय उम्मीदवार के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. वहां पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी..इन दोनों घटनाओं को छोड़ दें तो दोनों राज्यों में बाकी जगह चुनाव शांतिपूर्ण हुए.
पंजाब में कुल एक हजार अठहत्तर उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें 93 महिलाएं भी शामिल हैं. पंजाब में सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी गठबंधन का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है लेकिन अकाली दल से अलग पार्टी बना चुके मनप्रीत बादल मुकाबले को कहीं-कहीं त्रिकोणीय बना रहे हैं.
वहीं मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मुख़्तसर ज़िले में लांबी से मैदान में थे. जबकि उनके बेटे सुखबीर बादल जलालाबाद से खड़े हुए. लांबी के बादल गाँव में बादल परिवार के कई सदस्यों ने वोट डाली हालांकि मतभेदों के कारण सभी सदस्य अलग अलग पार्टियों से लड़ रहे हैं.
पीपीपी के नेता मनप्रीत बादल ने गिद्दड़बाहा और मौड़ से किस्मत आज़माई है. भाजपा की ओर से नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी चुनाव लड़ रही हैं.
पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी परगट सिंह ने भी इस बार जालंधर से चुनाव लड़ा है.
पिछले विधानसभा चुनाव में 76 फ़ीसदी मतदान हुआ था. 30 जनवरी को पड़ी वोटों की गिनती छह मार्च को होगी. तब तक उम्मीदवारों को अपनी किस्मत के फ़ैसले का इंतज़ार करना पड़ेगा.
सुबह उत्तराखंड के मैदानी इलाक़ो जैसे, हलद्वानी और कालाढूंगी में मतदाताओं की क़तारें तो नज़र आ रही थीं, नैनीताल में इक्का-दुक्का लोग ही मदतान केंद्रों पर पहुंचे थे. कालाढूगी में सुबह से ही लोग मतदान केंद्रों के सामने जमा होने लगे थे.
कालाढूंगी से कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के क़रीबी माने जाने वाले प्रकाश जोशी मैदान में हैं लेकिन उन्हें टिकट न मिलने से नाराज़ पार्टी के पूर्व नेता महेश शर्मा कड़ी टक्कर दे सकते हैं. महेश शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं.
राज्य के कुल 9, 744 मतदान केंद्रों में से 1,794 को संवेदनशील और 1,252 को अति संवेदनशील क़रार दिया गया था. राज्य में मुख्य मुक़ाबला सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है.