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सियासी पार्टियों ने विस चुनाव की घोषणा का किया स्वागत

कांग्रेस, भाजपा और सपा ने उत्तर प्रदेश में सात चरण में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया है. प्रत्येक पार्टी ने अपने बल पर सत्ता में आने का दावा करते हुए चुनाव पूर्व और गठबंधनों की संभावना को खारिज किया है.

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राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह

कांग्रेस, भाजपा और सपा ने उत्तर प्रदेश में सात चरण में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया है. प्रत्येक पार्टी ने अपने बल पर सत्ता में आने का दावा करते हुए चुनाव पूर्व और गठबंधनों की संभावना को खारिज किया है.

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वर्ष 2007 विधानसभा चुनाव में 98 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रहने वाली सपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता मायावती नीत बसपा सरकार से तंग आ चुकी है और वह नेतृत्व परिवर्तन चाहती है.

लखनऊ में सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा, ‘हम अभी कोई गठबंधन नहीं करने जा रहे. उत्तर प्रदेश के लोग चाहे वे पिछड़ी जाति से हों या अगड़ी जातियों से उन्हें समाजवादी पार्टी को बहुमत देना चाहिए.’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरे राज्य में उनकी साइकिल यात्रा ने उनकी पार्टी को केंद्र में ला दिया है और अन्य सभी ‘हमसे हजारों किलोमीटर पीछे हैं.’ सपा ने साथ ही स्पष्ट किया कि वह आधुनिकीकरण और कंप्यूटर के खिलाफ नहीं है. यह आरोप उनकी पार्टी के खिलाफ गत विधानसभा चुनाव में उस समय लगाया गया था जब पार्टी घोषणापत्र में कहा गया था कि कंप्यूटर और अंग्रेजी का स्वागत नहीं है.

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अखिलेश यादव ने कहा, ‘सपा अंग्रेजी के खिलाफ नहीं है. हमने कहा था कि कंप्यूटरों में हिंदी या उर्दू या यहां तक कि अंग्रेजी का इस्तेमाल करना चाहिए.’ उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि भाजपा ने पूर्व में अपने वोट बसपा को स्थानांतरित कर दिया थे, बसपा ने स्वयं खराब शासन से लोगों को नाराज किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस भी राज्य में ऊर्जा, पानी और किसानों की समस्याओं के लिए जिम्मेदार है. हमें 2जी घोटाले को किसानों और श्रमिकों को समझाने में परेशानी हो रही है.’’

भाजपा ने घोषणा का स्वागत किया, लेकिन उत्तर प्रदेश में ‘खराब शासन’ के लिए बसपा पर निशाना साधा. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में यदि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति यदि बेहतर होती तो चुनाव आयोग ने सात चरण में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा नहीं की होती.’

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा किए जाने पर भाजपा ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के नजदीकी नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों का तबादला किए जाने की चुनाव आयोग से मांग की. पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘हम चुनाव के लिए तैयार हैं. भाजपा चुनाव तिथियों का स्वागत करती है. उत्तर प्रदेश में हम मायावती शासन में कई गुणा बढ़ चुके भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दों पर मतदाताओं के बीच जाएंगे.’

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उन्होंने कहा, हालांकि भाजपा का मानना है कि अगर मायावती के करीबी नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों को राज्य से हटाया नहीं गया तो निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना संभव नहीं होगा.

नकवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए उन अधिकरियों का हटाया जाना जरूरी है जो बसपा के ‘एजेंट और प्रवक्ता’ जैसा आचरण कर रहे हैं.

भाजपा ने उत्तर प्रदेश के जिन अधिकारियों को हटाने की चुनाव आयोग से मांग की है उनमें प्रदेश के कैबिनेट सचिव और पुलिस महानिरीक्षक सहित कई शीर्ष नौकरशाह तथा पुलिस अधिकारी शामिल हैं. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा का यह कहते हुए स्वागत किया कि इन चुनावों से एक बार फिर यह बात सामने आ जाएगी कि वह ही एकमात्र अखिल भारतीय पार्टी है.

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘कांग्रेस चुनाव के लिए उत्सुक है. देश के हर कोने में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराकर वह एक बार फिर दिखा देगी कि वही एकमात्र अखिल भारतीय पार्टी है.’

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में चार से 28 फरवरी के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की आज घोषणा की जबकि पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में चुनाव एक चरण में ही कराये जाएंगे.

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