एआईएडीएमके की मुखिया जयललिता सोमवार दोपहर को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी.
वर्ष 1991 से 1996 और फिर 2001 से 2006 तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता का यह तीसरा कार्यकाल होगा. शासन सुचारू रूप से चले इसके लिए इस बार जयललिता ने ग्रह दशाओं का खास ख्याल रखा है.
राज्यपाल से मुलाकात की जो औपचारिकता बची थी, रविवार को वो भी पूरी हो गई. अब जयललिता तीसरी बार तमिलनाडु की सत्ता संभालने को तैयार हैं. दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर ऐतिहासिक मद्रास विश्वविद्यालय के शताब्दी सभागार में जयललिता शपथ लेंगी.
जयललिता के साथ 33 अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे. इन मंत्रियों में 25 नए चेहरे हैं. जयललिता के शपथग्रहण समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोहन, आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू और सीपीआई महासचिव एबी वर्धन मौजूद रहेंगे.
सोलह मई, दोपहर सवा बारह बजे का जो वक्त 63 वर्षीय जयललिता ने शपथ ग्रहण के लिए चुना है, उसके पीछे ज्योतिष का कनेक्शन देखा जा रहा है. ज्योतिषियों के मुताबिक सुबह साढ़े सात से नौ बजे राहु काल है और साढ़े दस से दोपहर बारह बजे यम गण्ड है. यो दोनों वक्त नए कार्य के लिए शुभ नहीं माने जाते हैं.
यही वजह है कि जयललिता ने इसके बाद का वक्त चुना है. गौरतलब है कि करुणानिधि के उलट जयललिता भगवान और ज्योतिष पर गहरी आस्था रखती हैं. ज्योतिषियों के मुताबिक अगले तीन साल जयललिता के लिए शानदार हैं.
करुणानिधि शासन में बनाए गए नए सचिवालय के बजाए जयललिता सेंट जॉर्ज फोर्ट से सरकार चलाएंगी. सेंट जॉर्ज फोर्ट को करुणानिधि ने सेंट्रल क्लासिकल तमिल लाइब्रेरी का रूप दे दिया था, लेकिन जयललिता के जीतते ही इसे सचिवालय का रूप दिया जा रहा है.