तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत का दावा करने वाले द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने राज्य में संभावित गठबंधन सरकार के गठन का संकेत दिया है.
अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘उगते सूर्य (द्रमुक चुनाव निशान) की तरह जीत को लेकर हमारी संभावनाएं उज्जवल हैं और सरकार बनाने के लिए जितनी सीटों की दरकार है उतनी सीटें हम जीतेंगे.
इस संख्या को हम अकेले भी हासिल कर सकते हैं या अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर.’ सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और द्रमुक के बीच चले दांव पेंच को देखते हुए कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने इसके माध्यम से सत्ता में अपनी भागीदारी को लेकर एक मजबूत आधार तैयार किया है.
गौरतलब है कि कांग्रेस 1967 के बाद से तमिलनाडु की सत्ता में नहीं लौटी है.
चुनाव आयोग के कथित रूप से पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने के बाबत पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘ जहां तक हमारा संबंध है, वे सख्ती से काम कर रहे हैं. लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि ये पक्षपातपूर्ण है. कुछ लोग जो आयोग से प्रभावित हुए हैं, अगर वे इस बारे में बात करते हैं तो मुझे नहीं लगता इसमें कुछ गलत है.’
अपने चुनाव अभियान के दौरान करूणानिधि ने चुनाव आयोग की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि आयोग के कुछ अधिकारियों की कार्यशैली ‘आपातकाल के दौरान’ की तरह है. इनका मकसद उनकी पार्टी को हराना है और उन्होंने केन्द्र से इस बाबत विचार करने को कहा था कि भविष्य में चुनाव आयोग को कौन कौन से अधिकार दिए जाने चाहिए. राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं करूणानिधि के बेटे एम के स्टालिन ने भी द्रमुक की जीत का विश्वास जताया है.
स्टालिन का दावा है कि सरकार की लुभावनी योजनाओं और समग्र प्रदर्शन को देखते हुए उनका मोर्चा 200 सीटों पर जीत हासिल करेगा.
अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद उन्होंने संवाददताओं से कहा कि चुनाव आयोग ने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया है और उनके पिता ने भी इस बात को दोहराया है.